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ED का बड़ा एक्शन, BSF के पूर्व कमांडेंट सतीश कुमार गिरफ्तार

jantaserishta.com
23 April 2022 5:06 AM GMT
ED का बड़ा एक्शन, BSF के पूर्व कमांडेंट सतीश कुमार गिरफ्तार
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सीमा सुरक्षा बल के पूर्व कमांडेंट सतीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया. इसके पहले ईडी ने बीएसएफ (BSF) पूर्व कमांडेंट सतीश कुमार और तस्कर इनामुल हक की लगभग 6 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की थी. निदेशालय ने इस मामले में अब तक की जांच के दौरान 418 करोड़ रुपये की अपराध संपत्ति चिन्हित की है और उसमें से लगभग 12 करोड़ की संपत्ति जब्त भी की थी. बता दें कि पशु तस्करी मामले (Cattle Smuggling) में इनामुल हक को भी प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में गिरफ्तार किया हुआ है और वह न्यायिक हिरासत में जेल में है.

बता दें कि सीबीआई ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर हो रही पशु तस्करी के मामले में अपनी एफआईआर में बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार समेत मोहम्मद इनामुल हक मोहम्मद गुलाम मुस्तफा और अनारूल शेख के नाम दर्ज किए थे. सतीश कुमार भारत-बांग्लादेश सीमा पर 19 दिसंबर 2015 से अप्रैल 2017 तक तैनात था. इस दौरान उसने तस्करों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर पशु करवाई और खुद भी उसका फायदा उठाया था.
एजेंसी ने सतीश कुमार के खिलाफ साल 2011 से 2020 के बीच कथित तौर पर उनके व उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर अवैध संपत्ति जमा करने का एक नया मामला दर्ज किया है, जब उनके खिलाफ मवेशी तस्करी का सनसनीखेज मामला दर्ज हुआ था. सीबीआई ने 21 सितंबर 2020 को चार लोगों के खिलाफ दर्ज मवेशी तस्करी के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि इसके पहले उनकी सपंत्ति जब्त की थी. जांच के दौरान निदेशालय को पता चला कि इस मामले में गिरफ्तार तस्कर इनामुल हक ने अपराध के पैसे से दिल्ली के चितरंजन पार्क में एक फ्लैट खरीदा था. इस फ्लैट की कीमत सवा 5 करोड़ रुपये बताई गई है. यह भी पता चला कि इनामुल हक ने यह फ्लैट अपनी कंपनी के जरिए खरीदा था. इनामुल हक ने अपराध के पैसे को पहले दुबई भेजा और फिर दुबई से इस पैसे को अलग-अलग जरिए से दिल्ली लाया गया. आरोप के मुताबिक, यह फ्लैट अपराध के पैसों से ही खरीदा गया है.
इसी प्रकार इस मामले में गिरफ्तार बीएसएफ के कमांडेंट सतीश कुमार की पत्नी तान्या सान्याल के नाम 53 लाख रुपये की म्यूच्यूअल फंड पाया गया. निदेशालय का मानना है कि यह म्यूच्यूअल फंड भी अपराध के पैसों से खरीदा गया था, लिहाजा इसे भी जब्त कर लिया गया. ईडी का दावा है कि अब तक के मामले की जांच के दौरान इस मामले में 418 करोड़ रुपये की अपराध संपत्ति को चिन्हित किया गया है और इसमें से अब तक कुल मिलाकर लगभग पौने 12 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है. ध्यान रहे कि प्रवर्तन निदेशालय ने मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज किया था.

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