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रांची: राज्य सरकार की पूर्व खान सचिव पूजा सिंघल से जुड़े मामले में ईडी ने जांच की गति तेज कर दी है। गुरुवार को ईडी ने चार जिलों के खनन पदाधिकारियों से पूछताछ की। वहीं पल्स अस्पताल के वित्तीय प्रबंधन से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की। ईडी सूत्रों के मुताबिक, राज्य में अवैध खनन के जरिए तत्कालीन सचिव व सफेदपोशों के तार को खंगालने के लिए ईडी की टीम ने बीते दिनों साहिबगंज और पाकुड़ जाकर काफी जानकारी जुटायी थी। ईडी ने मार्च महीने में साहिबगंज से कटिहार के बीच गंगा नदी में हुए फेरी हादसे में अवैध तस्करी की वजहों पर पड़ताल शुरू कर दी है। अंदेशा जताया गया है कि गंगा नदी के रास्ते बड़े पैमाने पर स्टोन चिप्स की तस्करी की जाती है।
गुरुवार को ईडी ने खूंटी के डीएमओ मो नदीम शमी, चाईबासा के डीएमओ निशांत अभिषेक, सरायकेला के डीएमओ सन्नी कुमार और चतरा के डीएमओ गोपाल कुमार दास से सुबह नौ बजे से ही पूछताछ शुरू की। चाईबासा, सरायकेला और चतरा डीएमओ पूर्व में भी ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित हुए थे। जानकारी के मुताबिक, गोपाल कुमार दास पूर्व में बोकारो में पोस्टेड थे, उनकी बोकारो तैनाती के दौरान जिले में अवैध खनन के जरिए काफी अवैध कमायी की गई थी। गोपाल से बोकारो के कार्यकाल के दौरान अवैध खनन के पहलुओं पर ईडी ने जानकारी मांगी है।
गंगा नदी हादसे में ईडी यह पड़ताल करेगी कि मार्च में हुआ हादसा कहीं अवैध खनिज के परिवहन से तो नहीं जुड़ा है। ईडी ने साहिबगंज में खनन व परिवहन से जुड़े कई दस्तावेज हासिल किए हैं। साहिबगंज डीएमओ विभूति कुमार से पूछताछ में भी कई जानकारियां व दस्तावेज ईडी ने लिए थे। इन सारे दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जा रही है। ईडी ने जांच में पाया है कि साहिबगंज, पाकड़ व दुमका अवैध खनन का गढ़ है।
24 मार्च की रात गंगा नदी में स्टोन चिप्स से लदी कई गाड़ियां राजधानी कार्गो शिप के डूबने से गंगा में डूब गई थीं। हादसे को लेकर कटिहार के मनिहारी में एफआईआर दर्ज की गई थी। अंदेशा है कि अवैध स्टोन चिप्स की ओवरलोडिंग के कारण कार्गो शिप डूब गई थी। इस मामले में मृत जुबेर आलम के पिता अब्दुल खलील के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई थी। कटिहारी के मनिहारी में दर्ज एफआईआर में अवैध तरीके से साहिबगंज से मनिहारी के बीच स्टोन चिप्स की ढ़ुलाई की जा रही थी।
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