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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धनबाद ( एसीबी) की टीम ने बुधवार को तिसरी के बरवाडीह पंचायत के रोजगार सेवक मो मोइनउद्दीन को तिसरी प्रखण्ड कार्यालय में डेढ़ हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों धर दबोचा। मोइनउद्दीन गिरिडीह जिला के तिसरी प्रखण्ड अन्तर्गत बरवाडीह पंचायत में रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत हैं।
बताया जाता है कि रोजगार सेवक मोइनउद्दीन मनरेगा योजना की राशि का भुगतान करने के एवज में लाभुक से डेढ़ हजार रुपये रिश्वत ले रहे थे। तभी एसीबी की टीम ने रोजगार सेवक मोइनउद्दीन को घूस की राशि लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद एसीबी की टीम ने कागजी औपचारिकता पूरी कर रोजगार सेवक मोइनउद्दीन को गिरफ्तार कर धनबाद ले गई। बरवाडीह सांख के आदित्य कुमार उर्फ मुकेश यादव के आवेदन पर एसीबी द्वारा यह कार्रवाई की गई है।
बता दें कि आदित्य कुमार उर्फ मुकेश यादव के पिता बढ़न महतो के नाम पर मनरेगा योजना से एक तालाब मिला था। जिसकी कुल प्राक्कलित राशि 4 लाख लगभग स्वीकृत हुई थी। योजना स्थल घंघरीकुरा में तालाब निर्माण का कार्य शुरू करने के उपरांत पहली क़िस्त में एक लाख का भुगतान किया गया था। इसके बाद तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया गया। लेकिन 3 तीन लाख शेष योजना राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा था।
रोजगार सेवक रिश्वत की राशि नहीं मिलने से योजना की राशि का भुगतान के लिए लाभुक को काफी दिनों से घुमा रहे थे। आरोप है कि मनरेगा योजना से किए गए तालाब निर्माण की राशि का भुगतान करने के एवज में रोजगार सेवक मोइनउद्दीन द्वारा बढ़न महतो व उनके पुत्र आदित्य कुमार से 2 हजार 8 सौ रुपये रिश्वत के तौर पर मांगा जा रहा था। किंतु आदित्य कुमार रिश्वत नहीं देना चाहते थे। आदित्य ने योजना की राशि भुगतान कराने के लिए अधिकारी व नेताओं के पास भी काफी दिनों तक दौड़ लगाई लेकिन बात नहीं बनी। बाद में डेढ़ हजार रुपये में सहमति बनी। रोजगार सेवक ने आदित्य को 15 जून को प्रखण्ड कार्यालय में आकर रिश्वत की राशि एक हजार पांच सौ रुपये देने की बात कही थी।
इसके बाद आदित्य ने एसीबी को लिखित आवेदन देकर इसकी शिकायत की। आदित्य के मामले को एसीबी के अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और बुधवार को एसीबी की टीम तिसरी प्रखण्ड कार्यालय आ धमकी। इसके बाद तिसरी प्रखण्ड कार्यालय से रोजगार सेवक मोइनउद्दीन को आदित्य कुमार से डेढ़ हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी के डीएसपी ने बताया कि मनरेगा के तहत किए गए तालाब निर्माण योजना की पूर्ण राशि का भुगतान करने के एवज में रोजगार सेवक मोइनउद्दीन द्वारा लाभुक से रिश्वत मांगा जा रहा था। आवेदक आदित्य के लिखित आवेदन पर सत्यापन कराया। सत्यापन के क्रम में परिवादी द्वारा 15 सौ रुपये रिश्वत देने हेतु सहमति बनी।
तत्पश्चात परिवादी का आवेदन और सत्यापन कर्ता का सत्यापन प्रतिवेदन के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धनबाद थाना में 15 जून 2022 को कांड संख्या 5. 2022 दिनांक 15.6. 2022 पंजीकृत कर गिरिडीह जिला के जरीडीह रेम्बा गांव के निवासी मो मोइनउद्दीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एसीबी की टीम में दो डीएसपी सहित कई सब इंस्पेक्टर शामिल थे।
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