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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा - खेल स्टेडियमों को वसूली का अड्डा बनाना चाहती है हरियाणा सरकार

Rani Sahu
21 April 2022 6:57 PM GMT
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा - खेल स्टेडियमों को वसूली का अड्डा बनाना चाहती है हरियाणा सरकार
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हरियाणा कांग्रेस ने स्टेडियमों में जाने वाले लोगों से फीस वसूली के फैसले पर सरकार को जमकर कोस रही है

चंडीगढ़ः हरियाणा कांग्रेस ने स्टेडियमों में जाने वाले लोगों से फीस वसूली के फैसले पर सरकार को जमकर कोस रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में हरियाणा को खेलों का हब बनाया था. गांव-गांव और शहर-शहर में खेल स्टेडियम बनाए थे, लेकिन प्रदेश में बीजेपी ने सत्ता संभालने के बाद इन खेल स्टेडियमों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गए है. इनमें स्टाफ और सुविधाएं देना तो दूर साफ-सफाई तक की व्यवस्था नहीं की गई है. बेहद दुर्भाग्य की बात है कि सरकार स्टेडियमों को वसूली का अड्डा बनाने जा रही है.

सरकार को फैसला लेना होगा वापस
हुड्डा ने कहा कि इन खेल परिसरों में बड़ी तादाद में युवा खेल प्रतियोगिताओं, आर्मी और पुलिस भर्ती की तैयारी करने जाते हैं. यह कोई पब, क्लब, बार या डिस्को नहीं है, जहां सरकार टैक्स लगाना चाहती है. सरकार की ऐसी नीतियों से खिलाड़ियों के मनोबल को धक्का लगेगा. इस फैसले का कांग्रेस हर स्तर पर विरोध करेगी. खिलाड़ियों का कोटा खत्म करने वाले फैसले की तरह इस फैसले को भी सरकार को वापस लेना पड़ेगा.
जनता को लूटने का आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा सरकार हमेशा आम आदमी को लूटने की प्लानिंग करती रहती है. उसकी कोशिश रहती है कि कैसे लोगों की जेब से पाई-पाई निकाल ली जाए. मंदी, महामारी और रिकॉर्ड महंगाई के इस दौर में सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए. उन्हें आर्थिक रियायत और करों में छूट देनी चाहिए.
गेहूं के एमएसपी पर बोनस की मांग
हुड्डा ने एक बार फिर गेहूं किसानों के लिए एमएसपी पर ₹500 प्रति क्विंटल बोनस की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस बार बेमौसमी बारिश और गर्मी के जल्दी आने के चलते गेहूं का दाना छोटा रह गया है. किसान की पैदावार में प्रति एकड़ 5 से 10 क्विंटल का घाटा हुआ है. किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें बोनस दिया जाना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में गेहूं के ऊंचे दाम चल रहे हैं तो उसका लाभ प्रदेश के किसानों को भी मिलना चाहिए.
जनसेवा का हर क्षेत्र सरकारी की अनदेखी का शिकार
हुड्डा ने बिजली संकट के लिए भी प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि सरप्लस उत्पादन क्षमता होने के बावजूद प्रदेश के पावर प्लांट बंद पड़े हैं. इसकी वजह से लोगों को लंबे-लंबे पावर कट झेलने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि जनसेवा का हर क्षेत्र सरकारी की अनदेखी का शिकार है. स्वास्थ्य सेवाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र में 72 बेड पर 140 मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है. एक-एक बेड पर दो-दो, तीन-तीन मरीजों को रखा जा रहा है. अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को 2-2 महीने इंतजार करना पड़ रहा है.
महामारी से सरकार ने सबक नहीं लिया
कुरुक्षेत्र में ही नहीं पूरे हरियाणा की यही स्थिति है. महामारी से भी इस सरकार ने कोई सबक नहीं लिया. कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सरकार ने हरियाणा को स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 4 मेडिकल कॉलेज और सैंकड़ों अस्पताल बनवाए थे. खानपुर महिला यूनिवर्सिटी, एम्स-2, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान प्रदेश में लाए थे, लेकिन हरियाणा सरकार आज अस्पतालों में न स्टाफ दे पा रही है, न बेड और न मरीजों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन भी नहीं मिल पा रही है.
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