भारतीय विद्यार्थी छात्रावास संघ ने मनाया डॉ. भीमराव अम्बेडकर आवासीय विद्यालय आटून में महापरिनिर्वाण दिवस

भीलवाड़ा। डॉ भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है, वे एक बड़े समाज सुधारक और विद्वान थे। उन्हें अपने कार्यों और विद्वता के लिए जाना जाता है। यह बात डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बालिका आवासीय विद्यालय आटून में महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय विद्यार्थी छात्रावास संघ नई दिल्ली के राष्ट्रीय संयोजक मोतीलाल सिंघानिया ने कही। सिंघानिया ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर हमेशा ही दलितों की स्थिति में सुधार लाने के लिए काम किया। छुआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म करने में भी उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। आज विश्व रत्न, संविधान निर्माता, ज्ञान के प्रतीक डॉ भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है।
क्योंकि उन्होंने समाज के लिए, देश के लिए, संविधान मे हर दबे कुचले, निर्धन, अछूतों एव हर एक व्यक्ति के लिए हक अधिकार संविधान में दिए हैं, आज महिलाएं पढ़ लिखकर डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस बन रही है, यह सब संविधान की देन है। इससे पुर्व भारतीय विद्यार्थी छात्रावास संघ द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बालिका आवासीय विद्यालय आटून में आम सभा कर महापरिनिर्वाण दिवस मनाया। समारोह की अध्यक्षता प्रिंसिपल मंजू कोठारी ने की। विशिष्ट अतिथि में भैरूलाल खोईवाल, लोकेश बसीटा, रामेश्वर दसलानिया उपस्थित रहे। अध्यक्षता कर कर रही प्रिंसिपल मंजू कोठारी ने बताया कि आज छात्रों को संविधान में हक अधिकार मिले हैं, उसकी वजह से पढ़ने लिखने बोलने का अधिकार मिला है और महिलाएं सुरक्षित हैं, इसीलिए हमें संविधान में मिले हक अधिकारों के बारे में जानना चाहिए एवं शिक्षा के प्रति जागरूक होकर हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए तभी बाबा साहेब के सपने को हम पूरा कर सकते हैं। लोकेश बसीटा ने कहा कि शिक्षा शेरनी का दूध है जो पियेगा, वह दहाड़ना सीख जाएगा। इसीलिए हर व्यक्ति को पढ़ना जरूरी है, पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सही को सही और गलत को गलत समझ सकता है। विद्यालय की प्रतिभावान छात्रों का मोमेंट देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय की छात्राएं एवं स्टाफ गण उपस्थित थे।
