राज्यपाल से मिलकर मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरकार बनाने का दावा किया पेश, देखें वीडियो
जयपुर: राजस्थान के मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया।
कौन हैं राजस्थान के नए सीएम?
राजस्थान में वसुंधरा राजे का दौर समाप्त हो गया है। अब यहां भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री होंगे। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह ही राजस्थान में भी भाजपा ने चौंकाते हुए नए नेता को सीएम बनाया है। भजनलाल शर्मा पहली बार के विधायक हैं, जिन्हें जयपुर की सांगानेर सीट से इस बार चुनाव लड़ाया गया था। भरतपुर के रहने वाले भजनलाल शर्मा भले ही पहली बार विधायक बने हैं, लेकिन संगठन में वह मजबूत शख्सियत रहे हैं। उन्हें अमित शाह का करीबी माना जाता है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी और मध्य प्रदेश में ओबीसी नेता को सीएम बनाने के बाद भाजपा ने राजस्थान में अब ब्राह्मण नेता को कमान सौंपी है। इस तरह उसने सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया है।
भजनलाल शर्मा राजस्थान भाजपा के महामंत्री रहे हैं और संगठन के वफादार माने जाते हैं। वह तीन बार पार्टी के महामंत्री रहे हैं। संघ से उनका पुराना ताल्लुक रहा है, लेकिन चुनाव लड़ने का मौका उन्हें इस बार ही मिला। कुशल वक्ता के तौर पर पहचान रखने वाले भजनलाल शर्मा अकसर मंच पर पाए जाते थे। राजस्थान भाजपा के किसी भी बड़े आयोजन में वह मंच संचालक के तौर पर जिम्मेदारी संभालते थे। उन्हें अमित शाह के करीबी नेताओं में गिना जाता है। भले ही उनका नाम बहुत ज्यादा चर्चा में नहीं था, लेकिन ब्राह्मण कार्ड चलने की स्थिति में वह रेस में जरूर थे।
RSS से जुड़े होने के साथ ही भजनलाल शर्मा छात्र संगठन ABVP से भी जुड़े रहे हैं। अमित शाह के अलावा जेपी नड्डा के भी वह भरोसेमंद रहे हैं। भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जिसकी राजस्थान में 7 फीसदी आबादी है। लंबे अरसे बाद राजस्थान को ब्राह्मण सीएम मिला है और इसका असर हरियाणा, यूपी, जैसे राज्यों में भी देखने को मिल सकता है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी, मध्य प्रदेश में ओबीसी सीएम देने के बाद माना ही जा रहा था कि राजस्थान में किसी सवर्ण नेता को मौका मिल सकता है।
अपने शुरुआती दिनों में भजनलाल शर्मा भरतपुर के ही एक ठेकेदार आरपी शर्मा के यहां मुनीम के तौर पर काम करते थे। इस दौरान उन्हें महज 8 हजार रुपये की सैलरी मिलती थी। वह भरतपुर जिले में भाजयुमो के अध्यक्ष भी रहे थे। ठेकेदार आरपी शर्मा हाइवे के ठेके लेते थे। उन्हीं के यहां भजन लाल शर्मा मुनीम का काम करते थे। मुनीम का काम छोड़ने के बाद भजन लाल शर्मा वन विभाग के लिए पत्थर खुदाई का भी काम करने लगे। लेकिन भजन लाल शर्मा की किस्मत वसुंधरा सरकार में जलदाय मंत्री रहीं किरण माहेश्ववरी के संपर्क में आने से चमकी। स्वर्गीय किरण माहेश्वरी ने भजन लाल शर्मा को अपने ही विभाग में काम दिलवाया।
कहा जा रहा है कि यूपी, उत्तराखंड में राजपूत सीएम पहले से हैं। ऐसे में ब्राह्मण नेता को चुनना भाजपा ने मुफीद समझा। भजनलाल को सीएम बनाने के साथ ही राजपूत नेता दीया कुमारी को डिप्टी सीएम भी बनाया गया है। राजपूतों का राजस्थान में अच्छा वर्चस्व रहा है और समुदाय की 9 फीसदी आबादी है। इसके अलावा प्रेमचंद बैरवा दलित समुदाय से आते हैं। इस तरह भाजपा ने मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम बनाकर ब्राह्मण, दलित और राजपूत का समीकरण साध लिया है।
#WATCH | Rajasthan CM-designate Bhajanlal Sharma along with his two deputy CMs meets Governor Kalraj Mishra to stake claim to form the government in the state pic.twitter.com/l7jDeq7uFq
— ANI (@ANI) December 12, 2023