x
फाइल फोटो
हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक सदियों पुरानी रस्म ऐतिहासिक 'करगा उत्सव' इस साल भी मनाया जाएगा, जो यहां बुधवार रात से शुरू हो रहा है।
बेंगलुरू (आईएएनएस)| हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक सदियों पुरानी रस्म ऐतिहासिक 'करगा उत्सव' इस साल भी मनाया जाएगा, जो यहां बुधवार रात से शुरू हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, आयोजन समिति ने पर्व को भव्य रूप से मनाने का निर्णय लिया है। शहर में मस्तान साहब दरगाह पर करगा जुलूस निकालने को भी परंपरा के अनुरूप रखने का निर्णय लिया गया है।
हिंदू संगठनों की आपत्ति के बावजूद मंदिर प्रबंधन ने पिछले साल इस प्रथा को बरकरार रखा था। बेंगलुरु में चिकपेट निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक उदय गरुडाचर ने कहा है कि इस साल भी दरगाह पर करगा जुलूस की परंपरा का पालन किया जाएगा।
11 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के लिए यहां थिगलारपेट के धर्मरायस्वामी मंदिर में उत्सव रात 10 बजे शुरू होगा।
29 मार्च से 6 अप्रैल के बीच रथोत्सव सहित विशेष पूजा और धार्मिक गतिविधियां की जाएंगी।
मंदिर के अधिकारियों ने राज्यसभा सदस्य डॉ वीरेंद्र हेगड़े को 6 अप्रैल को उत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। उत्सव का मुख्य आकर्षण 'करगा जुलूस' अंतिम दिन (7 अप्रैल) को आयोजित किया जाएगा।
बेंगलुरु करगा एक वार्षिक उत्सव है जो मुख्य रूप से वाहनिकुला क्षत्रिय समुदाय द्वारा मनाया जाता है।
Next Story