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ज्यादा होशियारी पड़ी भारी: गए थे डीएम के पास, वहां से पहुंचे सीधे जेल

10 Jan 2024 9:26 PM GMT
ज्यादा होशियारी पड़ी भारी: गए थे डीएम के पास, वहां से पहुंचे सीधे जेल
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गाजियाबाद: गाजियाबाद में बेसिक शिक्षा मंत्री के करीबी बनकर तीन लोग मंगलवार को फैक्टरी संचालक को टेंडर दिलवाने डीएम के पास पहुंच गए। जालसाजों की बात सुनकर डीएम ने मंत्री को सीधे फोन मिलाया तो आरोपियों की पोल खुल गई। इसके बाद डीएम ने तीनों को अपने कार्यालय के बाहर से ही पकड़वा दिया। कविनगर …

गाजियाबाद: गाजियाबाद में बेसिक शिक्षा मंत्री के करीबी बनकर तीन लोग मंगलवार को फैक्टरी संचालक को टेंडर दिलवाने डीएम के पास पहुंच गए। जालसाजों की बात सुनकर डीएम ने मंत्री को सीधे फोन मिलाया तो आरोपियों की पोल खुल गई। इसके बाद डीएम ने तीनों को अपने कार्यालय के बाहर से ही पकड़वा दिया। कविनगर पुलिस ने बुधवार को फैक्टरी संचालक की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

संजयनगर सेक्टर-23 में रहने वाले संतोष कुमार सिंह की मसूरी क्षेत्र में इंटरलॉकिंग टाइल्स बनाने की फैक्टरी है। उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि नौ जनवरी को जौनपुर के गांव जनौर निवासी कुंवर ज्योतिरादित्य उनके पास आया और खुद को उनके एक रिश्तेदार का जानकार बताया। उसके साथ थाना ग्वाल, कानपुर के ग्लास टोली निवासी सूरज वर्मा और गौर सिटी-दो ग्रेटर नोएडा के 14 एवेन्यू टावर निवासी दिनेश कुमार मौर्या भी थे।

दिनेश कुमार मौर्या मूलरूप से कानपुर के सिविल लाइन इलाके का रहने वाला है। संतोष कुमार सिंह के मुताबिक तीनों ने उनसे कहा कि वह बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के करीबी हैं। गाजियाबाद के जिलाधिकारी और अन्य उच्चाधिकारियों से उनके निजी संबंध हैं। तीनों ने व्यापारिक टेंडर दिलवाने का आश्वासन दिया और इसके बदले में कुछ पैसा खर्च होने की बात कही।

जिलाधिकारी आरके सिंह ने तीनों को बाहर भेजकर सीधे बेसिक शिक्षा मंत्री को फोन मिला दिया और सारे घटनाक्रम से अवगत कराया। इस पर मंत्री ने किसी व्यक्ति को न भेजने और इस तरह की कोई सिफारिश न करने की बात कही। इस पर जिलाधिकारी ने कर्मचारियों को बोलकर तीनों आरोपियों को अपने दफ्तर के बाहर ही पकड़वा लिया और कविनगर पुलिस के हवाले कर दिया।

बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य ने खुद को बेसिक शिक्षा मंत्री का करीबी बताकर जिलाधिकारी को फोन किया। उसने कहा कि मंत्रीजी ने आपसे मिलने के लिए भेजा है। इस पर जिलाधिकारी ने शाम पांच बजे आने के लिए बोल दिया। इसके बाद ज्योतिरादित्य, सूरज वर्मा और दिनेश कुमार मौर्या फैक्टरी संचालक संतोष कुमार सिंह को साथ लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंच गए। वहां जाते ही तीनों ने जिलाधिकारी से फैक्टरी संचालक को सरकारी टेंडर देने के लिए कहा। साथ ही कहा कि इस काम के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा है।

तीनों आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वह इसी तरह मंत्रियों और अधिकारियों का करीबी बनकर लोगों को ठगने का काम करते हैं। इसी क्रम में तीनों लोग फैक्टरी संचालक को ठगने आए थे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के कब्जे से फॉर्च्यूनर कार बरामद हुई है। लोगों में रौब गांठने के लिए और अधिकारियों को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने गाड़ी में सायरन और हूटर लगाए हुए थे। पुलिस ने आरोपियों की गाड़ी भी जब्त कर ली है। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

जिलाधिकारी आरके सिंह ने कहा, 'बेसिक शिक्षा मंत्री का परिचय देकर तीनों आरोपी कार्यालय आए थे। उन्होंने एक फैक्टरी संचालक को सरकारी टेंडर दिलाने के लिए कहा था। पुष्टि के लिए मंत्री को फोन मिलाया तो उन्होंने किसी व्यक्ति को भेजने या इस तरह की कोई सिफारिश से इनकार कर दिया। पोल खुलने पर तीनों को पुलिस के हवाले करा दिया गया।'

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