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सोशल मीडिया पर फ्रेंडशिप करते वक्त रहें सावधान!, अब फेसबुक पर भी हनीट्रैप, वीडियो कॉल के जाल में फंसाकर युवक को किया ब्लैकमेलिंग

HARRY
22 Jan 2021 1:24 AM GMT
सोशल मीडिया पर फ्रेंडशिप करते वक्त रहें सावधान!, अब फेसबुक पर भी  हनीट्रैप, वीडियो कॉल के जाल में फंसाकर युवक को किया ब्लैकमेलिंग
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फाइल फोटो 

हनीट्रैप का मामला

टेक्नोलॉजी के इस दौर ने इंसानी रिश्तों और दोस्ती का चेहरा तक बदल कर रख दिया है. एक दौर था जब दो लोग आपस में मिला करते थे, बातें करते थे, एक-दूसरे को समझते थे और उसके बाद कहीं उनमें दोस्ती होती थी. एक दौर ये है कि जब दो दोस्तों में से दोनों को ये पता नहीं है कि सामने वाले का नाम क्या है, उसका चेहरा क्या है, वो करता क्या है. ये आज के दौर की दोस्ती है. सोशल मीडिया की दोस्ती है, जिसमें कई जुर्म की वारदात सामने आ रही है. आज की कहानी, सोशल मीडिया के दौर की एक अजीब साजिश की कहानी है.

दिल्ली के प्रशांत विहार इलाक़े के रहने वाले सूरज को बीती 13 दिसंबर के दिन फेसबुक पर एक लड़की ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी. चूंकि लड़की काफी प्रेजेंटेबल और खूबसूरत थी, सूरज ने भी फौरन इस रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया. दोनों के बीच पहले फेसबुक मैसेंज़र पर मामूली चैटिंग हुई. और फिर अगले रोज़ लड़की ने सूरज को फेसबुक मैसेंजर पर ही वीडियो कॉल किया. नौजवान सूरज के लिए ये पल बेहद ख़ास थे, क्योंकि यहां एक लड़की खुद ही अपनी ओर से सूरज के साथ दोस्ती के लिए पहल कर रही थी. उस रोज़ उस अजनबी लड़की और सूरज के बीच मैसेंजर पर करीब चार मिनट तक वीडियो चैटिंग होती रही. फिर हाय-बाय के साथ बातचीत का सिलसिला ख़त्म हुआ.
इसके बाद तीन दिन गुज़र गए. लेकिन चौथे दिन सूरज के साथ जो कुछ हुआ, वो उसने ख्वाबों में भी नहीं सोचा था. सुबह को करीब ग्यारह बजे एक अंजान नंबर से फ़ोन आया. सूरज हैरान था कि उसके मोबाइल में इंस्टाल्ड ट्रू कॉलर इस अंजान नंबर को किसी लॉ ऑफ़िसर का नंबर बता रहा था. सूरज तो पहले कुछ देर तक यही सोचता रहा कि वो ये फ़ोन उठाए या ना उठाए. लेकिन फिर ना जाने उसे क्या सूझा उसने इस अजनबी लॉ ऑफिसर का नंबर पिक कर लिया. बस यहीं से सूरज के लिए मुसीबतों का सिलसिला शुरू हो गया.
लॉ ऑफ़िसर ने छूटते ही सूरज से उसका नाम, पता कन्फर्म किया और उसे सुधर जाने की चेतावनी दी. सूरज हैरान था कि आख़िर उसने क्या कर दिया कि वो अजनबी उसे यूं बुरी तरह हड़का रहा था? लेकिन लॉ ऑफिसर ने कुछ देर तक पहेलियां बुझाने के बाद सूरज से कहा कि 17 दिसंबर को उसने अपनी नई-नई फेसबुक फ्रेंड के साथ जो कुछ किया है, उसके लिए उसे जेल भी हो सकती है. और उसकी बेइज्जती भी तय है. लॉ ऑफिसर ने कहा कि 17 को जब उसकी फ्रेंड ने उसे वीडियो कॉल किया था उसने वीडियो कॉल पर ही लड़की के साथ ना सिर्फ़ अश्लील बातें की, बल्कि अश्लील हरकतें भी करता रहा. और अब यही सबकुछ उस लड़की के ज़रिए उसके हाथ लग चुका है और उसकी ये करतूत उसे सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है.
लॉ ऑफिसर के इन बातों से सूरज पर मानों आसमान टूट पड़ा. वो हैरान था कि आख़िर जब उसने लड़की के साथ ना तो कोई अश्लील बात की और ना ही अश्लील हरकत तो फिर ये सबकुछ हुआ कैसे. और ये लॉ ऑफिसर उसे उस गुनाह के लिए कैसे धमका रहा है, जो उसने किया ही नहीं है. सूरज ने सच्चाई जाने के लिए लॉ ऑफिसर से उसे वो वीडियो देने की बात कही, जिसमें वो खुद अश्लील हरकत करता हुआ दिख रहा था. अगले ही पल वीडियो उसके पास था और सूरज इस एक बार फिर डबल हैरान ता कि इस वीडियो में वाकई उसकी कुछ ऐसी तस्वीरें कैद थीं, जो उसकी हो नहीं सकती थी और ये वीडियो वाकई अश्लील थीं. और खुद उसी की लग रही थी.
अब सूरज को मामला थोड़ा-थोड़ा समझ में आने लगा था कि फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के साथ-साथ, चैटिंग, वीडियो चैटिंग और लॉ ऑफिसर का फ़ोन कराने के पीछे दरअसल वो लड़की ही थी, जिसने अब अपने फेसबुक प्रोफाइल से लेकर फोन नंबर तक सबकुछ इनएक्टिव कर लिया था. सूरज अब उस अंजान लड़की की जाल में बुरी तरह फंस चुका था. सूरज को सर्दी में भी पसीने आने लगे. अब वो उसी लॉ ऑफ़िसर से इस मुसीबत से बाहर निकलने का रास्ता पूछने लगा, जो उसे कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रहा था. और तब फ़ौरन असलियत सामने आ गई.
खुद को वकील बतानेवाले लॉ ऑफ़िसर ने अब उससे रुपये पैसों के बदले सेटलमैंट का सुझाव देना शुरू कर दिया. और बात सीधे एक लाख रुपये से शुरू हुई. चूंकि सूरज के पास इतने पैसे नहीं थे तो उसने अपने हाथ खड़े कर दिए. अब लॉ ऑफिसर ने ही वीडियो डिलीट करने की कीमत को लेकर तय-तोड़ की शुरुआत कर दी. ये सिलसिला दो दिनों तक चलता रहा और आख़िरकार बात 20 हज़ार रुपये पर तय हुई. पहली किश्त के तौर पर सूरज ने 10 हज़ार चुका भी दिए. लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ. उससे एक हैरान करनेवाली कहानी सामने आई.
अगले दिन उस वकील ने फिर से सूरज को फोन किया. लेकिन हैरान करनेवाली बात ये थी कि वकील अब भी बीस हज़ार रुपये की मांग पर अड़ा हुआ था. जबकि सूरज ने उसे सैटेलमेंट की पहली किश्त के तौर पर दस हज़ार रुपये चुका दिए थे और इस हिसाब से उसे अब दस हज़ार रुपये और चुकाने थे. सूरज को शक तो पहले ही था. अब वकील की बातों से उसे यकीन हो गया और उसने पुलिस के पास जाने का फ़ैसला किया. सूरज ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को अपने साथ हुए धोखे की पूरी कहानी बताई और ये भी बताया कि कैसे किसी तरह की अश्लील हरकत किए बगैर उसे एक लड़की और उसका तथाकथित वकील उसका अश्लील वीडियो पास होने की बात कह कर उसे ब्लैकमेल कर रहा है.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के लिए भी ये मामला थोड़ा नये किस्म का था. सो डीसीपी साइबर सेल अनयेश रॉय ने अपने तेज़ तर्रार अफ़सरों की टीम को इस मामले की जांच के लिए लगाया. जांच कर रही पुलिस ने पहले आईपी एड्रेस के ज़रिए उस मोबाइल फ़ोन का पता किया, जिससे लड़की ने सूरज को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी और फिर अलग-अलग आईएमईआई नंबरों और फ़ोन नंबर के ज़रिए पुलिस ने एक-एक कर कई लोगों को ट्रैक किया. इत्तेफ़ाक से ये सभी नंबर दिल्ली के पास राजस्थान और हरियाणा के मेवात इलाक़े के थे. फिर पुलिस ने इन्हीं नंबरों के ज़रिए पहले दो लड़कों को और फिर उनकी निशानदेही पर एक-एक कर चार और लड़कों को पकड़ा. जी हां, सिर्फ़ और सिर्फ़ लड़कों को. लड़की को नहीं.
साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय ने बताया कि असल में सूरज के साथ धोखे और ब्लैकमेलिंग का 'सेक्सटॉर्शन' करनेवाले ये लोग दरअसल एक ऐसे गैंग से जुड़े थे, जो लोगों को फांस कर उन्हें लूटते थे और इस गैंग में कोई भी लड़की नहीं थी. तफ्तीश में पुलिस को पता चला कि आरोपी सबसे पहले फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाते थे, जिसमें बेहद आकर्षक लड़की की तस्वीर लगी होती थी. इसके बाद वे कई लोगो को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज देते. जो इनके रिकवेस्ट को स्वीकार लेते थे. उनमें से कुछ लोगों को ये अपने टारगेट के तौर पर चुन लेते थे.
इसके बाद शुरुआत चैटिंग से होती और फिर वीडियो कॉल भी होती थी. लेकिन चैटिंग और वीडियो कॉल के दौरान ये कुछ ऐसे एप्प और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते, जिससे लड़कों की आवाज़ भी लड़कियों जैसी लगती और फेक वीडियो भी नज़र आता. लेकिन असली खेल तो तब होता, जब वीडियो कॉल के दौरान वो मोबाइल में कोई अश्लील वीडियो चला देते बाद में ये वीडियो को कुछ इस तरह से एडिट कर देते कि लगता कि सामने वाला ही कोई अश्लील हरकत कर रहा है.
जब शिकार इस गैंग की जाल में फंस जाता, तो शुरू होता ब्लैकमेलिंग का खेल. ये बदमाश इतने शातिर थे कि वो अपने कुछ मोबाइल नंबरों को लॉ ऑफ़िसर के नाम पर ही सेव कर लेते, जिससे ट्रू कॉलर में भी ये नंबर लॉ ऑफिसर के तौर पर डिस्प्ले होने लगते. बाद में इन्हीं नंबरों से अपने शिकारों को फोन कर उन्हें कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग करने लगे. सूरज की शिकायत पर मामले की जांच कर ही पुलिस ने एक-एक कर 6 बदमाशों को गिरफ्तार किया. इन बदमाशों के पास से पुलिस ने 17 मोबाइल फ़ोन बरामद और 40 अश्लील वीडियो क्लिप भी बरामद किए हैं.
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