भारत
बरतें सावधानी! आंखों में दिख रहे ये लक्षण हो सकते हैं Omicron का संकेत, स्टडी में खुलासा
jantaserishta.com
20 Jan 2022 5:09 AM GMT
x
नई दिल्ली: ओमिक्रॉन के लक्षणों को लेकर रोजाना नई बातें सामने आ रही हैं. अब कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट का पहला लक्षण मरीज की आंखों से दिखना शुरू हो सकता है. नए वैरिएंट के संक्रमितों में खांसी से लेकर डायरिया जैसे तमाम लक्षण देखे जा रहे हैं. लेकिन कई बार ये आंखों से जुड़ी समस्याओं को भी ट्रिगर कर सकता है जो कि कोरोना के दूसरे वैरिएंट में भी सामान्य रूप से देखा जा रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 'आंखों से जुड़ी समस्या' को असामान्य या कम दिखाई देने वाले लक्षणों के रूप में सूचीबद्ध किया है. इसमें आंखों से जुड़े एक या एक से ज्यादा लक्षण शामिल हो सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, आंखों में गुलबीपन या आंख के सफेद भाग और पलक की परत पर सूजन (कंजेक्टिवाइटिस) ओमिक्रॉन इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है.
इसके अलावा, आंखों में लालपन, जलन और दर्द भी नए वैरिएंट के संक्रमण की निशानी है. आंखों से धुंधला दिखाई देना, लाइट सेंसिटिविटी या आंख से पानी बहना भी इसके लक्षण हो सकते हैं. जून 2020 में प्रकाशित एक स्टडी का विश्लेषण बताता है कि कोरोना मरीजों में 5 प्रतिशत आंखों से जुड़ी समस्या कंजेक्टिवाइटिस का शिकार हो सकते हैं.
हालांकि, केवल आंखों से जुड़े लक्षण दिखने का मतलब ये नहीं है कि आपको ओमिक्रॉन का संक्रमण है. कई बार आंखों से जुड़ीं समस्याएं दूसरी वजहों से भी हो सकती हैं. इसलिए कोविड के अन्य लक्षणों पर भी गौर करें.
क्या कहती है स्टडी?
भारतीय शोधकर्ताओं ने कोरोना में आंखों से जुड़े लक्षणों को दुर्लभ माना है. उनका कहना है कि ये किसी इंसान के संक्रमित होने का शुरुआती लक्षण हो सकता है और इसे एक प्रारंभिक चेतावनी समझा जा सकता है. हालांकि, कुछ स्टडीज ने आंखों से जुड़े लक्षणों की व्यापकता को अधिक बढ़ा दिया है. एक स्टडी में दावा किया गया है कि 35.8 फीसद हेल्दी लोगों की तुलना में 44 फीसद कोविड के मरीज आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना करते हैं. इसमें आंख से पानी बहना और लाइट सेंसिटिविटी जैसे लक्षण सबसे ज्यादा कॉमन हैं.
BMJ Open Ophthalmology में प्रकाशित एक प्रारंभिक अध्ययन के मुताबिक, कोविड-19 के 83 मरीजों में से 17 प्रतिशत ने आंखों में जलन और 16 फीसद ने आंखों में दर्द महसूस किया. मरीज के रिकवर होने के साथ-साथ उसकी आंखों की कंडीशन में भी सुधार आ सकता है. वहीं, 'किंग्स कॉलेज स्टडी ऑफ लॉन्ग कोविड' की मानें तो 15 प्रतिशत लोगों ने इंफेक्शन के एक महीने बाद कंजेक्टिवाइटिस या आंख में लालपन जैसे लक्षणों की सूचना दी है.
आंखों में कैसे प्रवेश करता है वायरस?
'गोल्डन आई' की जनरल प्रैक्टिशनर निसा असलम का कहना है कि कोविड वैरिएंट जिन सेल रिसेप्टर्स से शरीर में दाखिल होता है, वो आंख में होते हैं. वायरस इन रिसेप्टर्स को धोखा देकर शरीर में प्रवेश करता है. ये रिसेप्टर्स आंख के कई अलग हिस्सों में पाए जाते हैं, जैसे कि रेटिना को रेखाबद्ध करने वाली कोशिकाएं, आंख का सफेद भाग या पलक. कई स्टडी के शुरुआती नतीजों में कहा गया है कि डेल्टा और बीटा की तुलना में ओमिक्रॉन में इन रिसेप्टर्स से जुड़ने की ज्यादा अच्छी क्षमता है. अगर ऐसा है तो फिर आंख से जुड़े लक्षण भी ओमिक्रॉन संक्रमण का संकेत हो सकते हैं.
आंख के लक्षणों का कैसे करें इलाज?
कोरोना से संक्रमित कुछ लोगों में आंख से जुड़े लक्षण शायद बहुत कष्टदायी ना हों, लेकिन कुछ लोगों को इससे ज्यादा तकलीफ हो सकती है. आंखों से जुड़ी इन दिक्कतों का घर पर इलाज किया जा सकता है. NHS के मुताबिक, इसके लिए पानी गर्म करें और फिर उसे ठंडा हो जाने दें. इसके बाद किसी साफ कॉटन पैड को गीला करके सावधानी के साथ आंखों को पोंछें.
तकलीफ से राहत पाने के लिए आप चाहें तो कुछ मिनट के लिए ठंडा कपड़ा आंखों पर रख सकते हैं. अगर दिक्कत ज्यादा है तो आपको डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए. अगर आप सेल्फ आइसोलेशन में हैं तो ऑनलाइन भी डॉक्टर्स से सुझाव मांगा जा सकता है. या किसी दूसरे व्यक्ति को डॉक्टर्स के पास परामर्श के लिए भेज सकते हैं.
jantaserishta.com
Next Story