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बीडीओ रिश्वत लेते गिरफ्तार, राज्य में 22 साल में पकड़े गये 905 रिश्वतखोर
jantaserishta.com
18 Oct 2022 9:01 AM GMT
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रांची (आईएएनएस)| झारखंड के लोहरदगा जिला अंतर्गत किस्को प्रखंड में एंटी करप्शन ब्यूरो ने मंगलवार को बीडीओ (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) अनिल कुमार मिंज और कम्प्यूटर ऑपरेटर परमानंद झा को घूस लेते गिरफ्तार किया। एक व्यक्ति से बीडीओ ने रिश्वत के बीस हजार और कंप्यूटर ऑपरेटर परमानंद झा ने पांच हजार रुपये जैसे ही वसूले, कार्यालय के पास ही मौजूद एसीबी की टीम ने दोनों को पकड़ लिया। जिस व्यक्ति ने रिश्वत दिये, उसने दो दिन पहले ही एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में शिकायत सही पाये जाने के बाद मामला दर्ज कर यह कार्रवाई की गई। पिछले 40 दिनों में झारखंड में रिश्वत लेते हुए यह पांचवीं गिरफ्तारी है। इसके पहले 30 सितंबर को पलामू के सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ केनेडी को एक आउटसोसिर्ंग कंपनी के प्रतिनिधि से 50 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। वह बिल पास करने के लिए घूस ले रहे थे। इसी जिले के चैनपुर अंचल में बीते 13 सितंबर को राजस्व कर्मचारी कन्हैया राम और उसके सहयोगी को 10 हजार रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया किया था।
एंटी करप्शन ब्यूरो और विजिलेंस की ओर से रिश्वतखोरी के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के आंकड़ों पर निगाह डालें तो यहां औसतन हर नौवें दिन किसी न किसी सरकारी दफ्तर का कोई अफसर-कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है। इस वर्ष अब तक 29 सरकारी अफसर-कर्मी घूस लेते पकड़े गये। झारखंड बने हुए 22 साल हुए हैं और अब तक 905 सरकारी कर्मियों को रिश्वतखोरी के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा गया। यह केवल एसीबी और निगरानी की कार्रवाई का आंकड़ा है। इन वर्षों में ईडी और सीबीआई की कार्रवाई के दौरान हुई गिरफ्तारियों की संख्या जोड़ दी जाये तो यह आंकड़ा 1100 से भी ज्यादा होगा।
निगरानी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि रिश्वतखोरी के सबसे ज्यादा मामले पुलिस में ही सामने आये हैं। पिछले साल रिश्वत लेने के आरोप में जितने कर्मियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें 30 फीसदी पुलिस के लोग थे। इसके अलावा सबसे ज्यादा राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास, इंजीनियरिंग विभाग, बिजली शिक्षा, पथ निर्माण और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं। बीते बीस वर्षों में अब तक सबसे ज्यादा वर्ष 2017 में 137 अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किये गये थे। पिछले साल यानी 2021 में 51, 2020 में 58 और 2019 में 67 अफसर-कर्मी इन मामलों में पकड़े गये थे। निगरानी विभाग ने राज्य मुख्यालय रांची के अलावा दुमका, पलामू, हजारीबाग, धनबाद और जमशेदपुर में कार्यालय खोले हैं।
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