बीसीएएस ने भारत का गलत नक्शे वाला होलोग्राम जारी किया, बीएईपी में खामी नज़र आई
दिल्ली: जहां एक ओर भारत सरकार अपने नक्शे को लेकर इतनी संवेदनशील है कि किसी देश के द्वारा अगर पीओके और अक्साई चीन को हटाया हुआ नक्शा दिखा दिया जाता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मुद्दा बना देती है। पर अब भारत सरकार की ही एक संस्थान ने भारत का गलत नक्शे वाला होलोग्राम जारी कर दिया है। यह होलोग्राम देश के सभी एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करने वाला नियामक नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) द्वारा जारी बायोमैट्रिक एरोड्रम एंट्री परमिट (बीएईपी) पर लगा हुआ है। यह पास एयरपोर्ट पर काम करने वाले कर्मियों और विभिन्न एयरलाइनों के क्रू के सदस्यों के लिए जारी किया गया है। इस पास के आधार पर ही कर्मियों को एयरपोर्ट में निर्बाध प्रवेश की सुविधा प्राप्त हो पाती है। बीसीएएस की ओर से 30 दिसंबर को नया पास जारी किया है, जो साल 2025 तक वैलिड है।
क्या है बीसीएएस?
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत 1 अप्रैल 1987 को एक स्वायत्त विभाग बनाया गया था। यह अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (इकॉओ) के मानकों और उनके कार्यप्रणालियों (एसएआरपी) के साथ ही भारत के राष्ट्रीय नागर विमानन सुरक्षा मानकों के अनुरूप नागर विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल्स के कार्यान्वयन की निगरानी करता है।
क्या होता है बीसीएएस द्वारा जारी एईपी ?
बायोमेट्रिक एरोड्रम एंट्री परमिट (बीएईपी) बीसीएएस की ओर से जारी किया जाता है। यह एक फोटो युक्त एंट्री पास की तरह होता है, जिसे बीसीएएस की ओर से अस्थाई रूप से जारी किया जाता है। एईपी अलग-अलग स्तर के कर्मियों के लिए अलग अलग जारी किया जाता है। इसमें एईपी धारक के पद और कार्यों के आधार पर इंगित किया गया होता है कि धारक को एरोड्रम के किन हिस्सों में प्रवेश की अनुमति है। नया एईपी बायोमैट्रिक सिस्टम पर आधारित है। इसमें सभी धारकों से उनका बायोमेट्रिक पहचान भी लिया गया है।
नया बीएईपी नहीं है अनुमोदित डिजाइन के अनुसार
नवोदय टाइम्स की ओर से इस संबंध में जानकारी मांगे जाने पर नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने बयान जारी कर बताया गया है कि जो नया बीएईपी जारी किया गया है वह अनुमोदित डिजाइन के अनुसार नहीं बना है। जल्द ही बीसीएएस की ओर से पुराने के स्थान पर अनुमोदित होलोग्राम युक्त बीएईपी जारी कर दिया जाएगा। साथ ही इस संबंध में एयरपोर्ट ऑथेरिटी ऑफ इंडिया एक जांच शुरू करने जा रही है।