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ताजमहल के पत्‍थरों को नुकसान पहुंचा रहे चमगादड़, निपाह होने की आशंका

Kunti Dhruw
22 Sep 2021 2:36 PM GMT
ताजमहल के पत्‍थरों को नुकसान पहुंचा रहे चमगादड़, निपाह होने की आशंका
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निपाह वायरस के लिए दुनिया भर में चर्चित हुए चमगादड़, सफेद संगमरमर से बनी खूबसूरत इमारत ताजमहल के लिए खतरा बने हुए हैं।

आगरा, निपाह वायरस के लिए दुनिया भर में चर्चित हुए चमगादड़, सफेद संगमरमर से बनी खूबसूरत इमारत ताजमहल के लिए खतरा बने हुए हैं। ताजमहल के बंद हिस्सों में चमगादड़ों का डेरा बसा हुआ है। चमगादड़ के मल-मूत्र की वजह से बावड़ी (बावली) के फर्श के खराब हुए पत्थरों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा बदलवाया जा रहा है। यहां चमगादड़ों को रोकने के लिए लोहे के फ्रेम सहित जाली लगाई जा रही है।

ताजमहल में पश्चिमी तरफ शाही मस्जिद है। इसके नजदीक पांच मंजिला अष्टकोणीय बावड़ी बनी हुई है। इसकी एक मंजिल पानी में आधी डूबी रहती है। बावड़ी पर्यटकों के लिए बंद है और इसमें काफी अंधेरा रहता है, जिसके चलते इसमें चमगादड़ों ने डेरा डाल रखा था। उनके मल-मूत्र की वजह से बावड़ी की चार मंजिलों के फर्श व दीवार के पत्थर खराब हो गए थे। एएसआइ द्वारा खराब पत्थरों को बदलने के लिए संरक्षण कार्य की शुरुआत जून में की गई थी। बावड़ी की चार मंजिलों के फर्श के करीब 50 पत्थरों और दीवार के आधा दर्जन पत्थरों को खराब होने पर एएसआइ द्वारा बदला जा रहा है। बाग खान-ए-आलम की तरफ बावड़ी के छज्जे के खराब पत्थरों की जगह नए पत्थर लगाए गए हैं। दीवार से निकले हुए पत्थर दोबारा लगाए गए हैं। बावड़ी में चमगादड़ दोबारा डेरा न डालें, इसके लिए बरामदों को लोहे के फ्रेम व जाली लगाकर बंद किया जा रहा है। यहां अक्टूबर के अंत तक काम पूरा होने की उम्मीद है। संरक्षण कार्य पर करीब 15 लाख रुपये व्यय होंगे।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि बावड़ी में चमगादड़ के मल-मूत्र करने और नमी की वजह से खराब हुए पत्थरों को बदला जा रहा है। बावड़ी में अक्टूबर के अंत तक काम पूरा होने की उम्मीद है।
प्रत्येक मंजिल पर हैं सीढ़ियां
बावड़ी की चारों मंजिलों पर अष्टकोणीय बरामदा बना हुआ है। प्रत्येक मंजिल पर नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां हैं। ये सीढि़यां आम पर्यटकों के लिए तो काफी बरसों से बंद हैं। समय समय पर एएसआइ के कर्मचारी ही साफ सफाई के लिए जाते हैं।


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