उत्तर प्रदेश

बरेली : 500 से अधिक एचआईवी संक्रमित मिले, दो सेक्स वर्कर भी शामिल

Tara Tandi
1 Dec 2023 6:48 AM GMT
बरेली : 500 से अधिक एचआईवी संक्रमित मिले, दो सेक्स वर्कर भी शामिल
x

बरेली : बरेली जिले में सालभर में 500 से अधिक लोग एचआईवी संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें दो सेक्स वर्कर भी शामिल हैं। दोनों संक्रमित महिलाओं ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि वे अब तक करीब दो सौ से ज्यादा लोगों के साथ संबंध बना चुकी हैं। दूसरी ओर, जिले के 22 किन्नर भी चपेट में मिले हैं।

जिला अस्पताल की एंटीरेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक संक्रमित मिली एक महिला ने बीते साल सेक्स वर्कर होने की पुष्टि की थी। वहीं, अब हाल ही में एक और महिला ने भी इस धंधे से जुड़े होने की बात कही है। दोनों का इलाज एआरटी सेंटर से चल रहा है।

दोनों महिलाओं ने ये बताया
दोनों महिलाओं ने संक्रमित होने की जानकारी के बाद सेक्स वर्कर के धंधे से तौबा करने की बात कही है। लेकिन जांच से कितने साल पहले कब, कहां संक्रमित हुईं इसकी जानकारी से इन्कार किया। हालांकि, दो सौ से ज्यादा लोगों के साथ नियमित अंतराल पर संबंध होने की बात कुबूली है।
दोनों संक्रमित महिलाएं शहर की रहने वाली हैं और लंबे समय तक इस धंधे से जुड़ी रहीं। सेंटर के चिकित्सक के मुताबिक यौन संबंध बनाने के दौरान क्लिनिकल मानकों के तहत बचाव के तरीके प्रयोग किए होंगे, तब भी दस फीसदी केस में एचआईवी संक्रमित होने की आशंका रहती है।

किन्नरों के भी सेक्स वर्कर होने की जताई आशंका
जिला अस्पताल एआरटी सेंटर के डेटा मैनेजर मनोज वर्मा के मुताबिक 22 किन्नर संक्रमित मिले हैं। एचआईवी संक्रमित किन्नर कारोबार, धंधे के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं करते। पर यौन संबंध बनाने के दौरान संक्रमित होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि ज्यादातर किन्नरों के पास जीवन यापन के लिए रोजगार का कोई ठोस जरिया नहीं होता। इससे वे इस धंधे में उतरने को विवश हैं।
मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं संक्रमित समलैंगिक
डॉ. आशीष के मुताबिक काउंसलिंग के दौरान ज्यादातर संक्रमितों ने कुबूल किया कि वे समलैंगिक हैं। जो मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। कई डिप्रेशन की चपेट में हैं। जिनकी काउंसलिंग हो रहा है। बताया कि संक्रमण की पुष्टि के बाद मानसिक तनाव में सभी लोग होते हैं पर यह स्थायी नहीं होता। पर जो लोग समलैंगिक रहे हैं, वे गंभीर मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। ऐसे लोगों को नियमित काउंसलिंग के लिए बुला रहे हैं।

11 वर्षों में दो संक्रमितों की मौत
आंकड़ों के मुताबिक जिले में एआरटी सेंटर साल 2012-13 से संचालित है। बीते करीब 11 सालों में अब तक 5170 लोग एचआईवी की चपेट में मिले हैं। दो संक्रमित की मौत हो चुकी है। डॉ. आशीष के मुताबिक अब एचआईवी संक्रमितों को बेहतर इलाज सुविधा मिल रही है। एड्स पीड़ित होने पर भी सामान्य व्यक्ति की तरह जीवनयापन कर रहे हैं। संक्रमितों का फॉलोअप कर उन्हें दवाएं भी एआरटी सेंटर
उपलब्ध करा रहा है।
25 से 40 साल के युवा सर्वाधिक, पुरुष दोगुने
जिले में अब तक मिले संक्रमितों में से 80 फीसदी 25 से 40 वर्ष आयुवर्ग के हैं। इसमें महिलाओं की तादाद 1585 जबकि पुरुषों की तादाद 3346 है। इनमें से गर्भवती रही महिलाओं की डिलीवरी के बाद 215 बच्चों में भी एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिनका इलाज सेंटर से चल रहा है। बताया कि गर्भवती के संक्रमित होने पर गर्भस्थ शिुश के संक्रमण की आशंका 30 फीसदी होती है। नवजात के संक्रमित की दर अब घटी है।

एचआईवी संक्रमित.. एक नजर में
वर्ष पुरुष महिला बच्चे किन्नर कुल
2021 267 125 26 00 418
2022 353 159 23 01 536
2023 357 160 08 01 526
नोट : आंकड़ा एआरटी सेंटर के अनुसार। वर्ष 2023 में मिले संक्रमित की संख्या नवंबर तक।
संक्रमण की वजह
– संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध बनाना।
– संक्रमित सुई के प्रयोग से टैटू बनवाना।
– इंजेक्शन से नशीली दवा लेने के दौरान।
– संक्रमित गर्भवती के गर्भस्थ शिशु को।

बचाव के उपाय
– यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का प्रयोग।
– नशीली दवा ले रहे व्यक्ति दूरी बनाकर।
– संक्रमित महिलाएं गर्भधारण से बचें।
– बगैर जांच किए गए रक्त चढ़ाने से बचें।

लक्षण
– गले या बगल में सूजन भरी गिल्टी।
– लंबे समय तक बुखार का न उतरना।
– वजन कम होना, सर्दी-जुकाम का ठीक न होना।
– मुंह में घाव, त्वचा पर दर्द भरे चकत्ते, खुजली आदि।

इससे नहीं फैलता एड्स
संक्रमित से हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही घड़े या बाल्टी का पानी पीने, एक बिस्तर पर लेटने या कपड़ों के प्रयोग से, बच्चों के साथ खेलने से, मच्छर-खटमल आदि के काटने, एक शौचालय या स्नानाघर प्रयोग से भी एचआईवी संक्रमण नहीं होता।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

Next Story