ऊना. विजिलेंस की टीम ने एसबीआई बैंक की गगरेट शाखा में तैनात मैनेजर और रिकवरी एजेंसी के कर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया. ये बैंक कर्मी सील किये गए एक उद्योग के ताले खोलने की एवज में 20 हजार रूपये की रिश्वत मांग रहे थे. शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और इन दोनों कर्मियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकड़ लिया. विजिलेंस ने मैनेजर सहित रिकवरी एजेंसी के कर्मी को गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू कर दी है. इन दोनों आरोपियों को बुधवार को विजिलेंस की टीम द्वारा कोर्ट में पेश किया जायेगा.
जानकारी के मुताबिक एसबीआई बैंक के मैनेजर और रिकवरी एजेंसी के कर्मचारी द्वारा एक लघु औद्योगिक इकाई के ताले खोलने की एवज में बीस हजार रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी. इसी मामले की शिकायत पर विजिलेंस विभाग ने रंगे हाथ पकड़ा है. विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. गगरेट में स्थित लघु औद्योगिक इकाई के मालिक राकेश कुमार ने एसबीआई की गगरेट शाखा से लोन लिया था. उसका लोन खाता लोन की किश्त समय पर जमा न करवाने के चलते एनपीए में चला गया था. बैंक ने सरफेसी एक्ट के तहत औद्योगिक इकाई को सील कर दिया था. इसी बीच बैंक द्वारा वन टाइम सेटलमेंट की पेशकश करने पर राकेश कुमार ने 26 फरवरी को एक मुश्त राशि जमा करवा दी. राकेश कुमार का आरोप है कि इसके बावजूद बैंक मैनेजर ताले खोलने को लेकर आनाकानी करता रहा. आरोप है कि मैनेजर ताले खोलने की एवज में बीस हजार रुपये की मांग कर रहा था. इस पर राकेश कुमार ने विजिलेंस विभाग से सम्पर्क किया और विजिलेंस विभाग ने इन्हें रंगे हाथ पकडऩे के लिए ट्रैप लगा दिया.
मंगलवार को बैंक मैनेजर व बैंक की रिकवरी एजेंसी का एक कर्मचारी आया और राकेश कुमार ने उन्हें अपनी औद्योगिक इकाई की तरफ बुला लिया. यहां पर रिकवरी एजेंसी के कर्मचारी ने जैसे ही पैसे पकड़ विजिलेंस की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया. शिकायतकर्ता राकेश कुमार ने बताया कि कर्ज चुकाने के बाबजूद भी उद्योग को खोलने की एवज में 20 हजार की मांग की गई थी.