बांग्लादेशी घुसपैठियों को 23 नवंबर से चुन-चुनकर झारखंड से बाहर खदेड़ा जाएगा : गौरव वल्लभ
दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आदिवासियों की जमीन को अवैध प्रवासियों को हस्तांतरित होने से रोकने के लिए कड़ा कानून लाने वाले बयान पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना यहां क्यों रह रही हैं? भारत सरकार ने उन्हें शरण क्यों दी है? इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता गौरव वल्लभ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
गौरव वल्लभ ने सोमवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हेमंत सोरेन, जिन विषयों पर आपको जानकारी नहीं है, उनके बारे में अपनी अज्ञानता को उजागर मत कीजिए। डिप्लोमेसी और डिप्लोमैटिक चैनल्स का अलग महत्व होता है। आप एक देश की पूर्व प्रधानमंत्री को भारत द्वारा दी गई शरण की तुलना बांग्लादेशी घुसपैठियों से कर रहे हैं। क्या वह महिला, जो बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं, घुसपैठिया हैं? क्या वह पीछे के दरवाजे से यहां आई हैं? आपको थोड़ा सोच-समझकर जवाब देना चाहिए। बांग्लादेशी घुसपैठियों को यह सुन लेना चाहिए कि 23 नवंबर से चुन-चुनकर उन्हें झारखंड से बाहर खदेड़ा जाएगा। किसी भी बांग्लादेशी घुसपैठिए को झारखंड में घुसने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी बेटियों के साथ वे जिस तरह से दूसरी-तीसरी शादी कर बस जाते हैं और जमीन पर कब्जा कर लेते हैं, वह सब खत्म किया जाएगा। झारखंड के लोग, आदिवासी समाज आज भारतीय जनता पार्टी के साथ है, न कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पार्टी के साथ।” बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में घाटशिला के धालभूमगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि झारखंड में भाजपा की सरकार बनती है तो आदिवासियों की जमीन को अवैध प्रवासियों को हस्तांतरित होने से रोकने के लिए कड़ा कानून लाएगी।