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राजस्थान: देश के अन्य हिस्सों से लगातार इस तरीके की खबरें आती रहती हैं जिसमें दलित दूल्हे को गांव में घोड़ी से नीचे उतार दिया जाता है. लेकिन अब राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे मते का तला गांव से एक सकारात्मक खबर आई है जहां पर गांव की सवर्ण जाति के लोगों ने दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठा कर घोड़े की लगाम पकड़कर बंदोली निकाली और इस दौरान जमकर डांस गाना भी हुआ. इस पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है.
नाच गाने के साथ निकली बंदोली
जानकारी के अनुसार मते का तला गांव में शिक्षक हाकमराम मेघवाल की बेटी रेखा की शादी 18 फरवरी को तय हुई. दूल्हे भीमाराम ने इच्छा जाहिर की बंदोली निकाल कर घोड़ी पर बैठना चाहता हूं. जिसके बाद दुल्हन के पिता ने गांव के बाकी लोगों से बातचीत की. समाज को एक सकारात्मक संदेश देने के लिए दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर सवर्ण जाति के नेबसिंह सोढा ओर समाजसेवी स्वरूप सिंह खारा ने घोड़े की लगाम पकड़कर पूरे गांव में बंदोली निकाली. इस दौरान खूब नाच गाना हुआ. यह नजारा देखकर हर कोई चौंक गया, लेकिन जब इस बंदोली के फोटो, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे तो हर कोई इस पहल की तारीफ करता नजर आया. बाड़मेर के एसपी दीपक शर्मा ने भी सकारात्मक पहल की जमकर तारीफ की
दूल्हे ने जताई थी बंदोली निकालने की इच्छा
समाजसेवी स्वरूप सिंह खारा के अनुसार हमने घोड़े की लगाम को पकड़कर पूरे गांव में बंदोली निकाली. मकसद सिर्फ इतना था कि जो लोग इन सब बातों पर आपत्ति उठाते हैं तो उन्हें एक नया संदेश मिले. दुल्हन के पिता हाकमराम मेघवाल के अनुसार बेटी की शादी में दमाद ने ये इच्छा बताई कि वह घोड़ी पर सवार होना चाहता है जिसके बाद गांव के लोगों से चर्चा की गई और गांव के लोगों ने मेरा पूरा साथ दिया. मैं गांव वालों का भी शुक्रगुजार करता हूं!
सामाजिक भेदभाव खत्म करने के लिए पहल
गांव के रहने वाले नेबसिंह के अनुसार आए दिन दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारने की खबरें आती रहती हैं. इसी बीच हमने एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है. यकीनन जिस तरीके से इस गांव के लोगों ने आज के समय में नई पहल करके समाज को नया संदेश देने की कोशिश की है, ऐसे में अब जरूरत है कि बाकी लोग भी इसी तरीके से बड़ा दिल करके इस तरीके के सामाजिक भेदभाव को खत्म करें.
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