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उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा-वृंदावन नगर निगम क्षेत्र के 22 वार्डों को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया. इस एलान के बाद मथुरा एवं वृंदावन के 22 वार्डों में मांस और शराब की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
मथुरा के ज़िलाधिकारी नवनीत चहल ने कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा जन्माष्टमी पर की गई घोषणा के संदर्भ में अधिसूचना जारी की गई. श्री कृष्ण जन्मस्थल को पवित्र स्थल मानते हुए उसके आसपास के 22 वॉर्ड(10 किलोमीटर) को तीर्थ घोषित किया गया. इन 22 वॉर्ड में मांस, शराब की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है."
ज़िलाधिकारी ने बताया, "इन शराब और मांस की दुकानों को यहां बंद किया जाएगा और उन्हें दूसरी जगह बाहर शिफ्ट कर दिया जाएगा. क्योंकि अधिसूचना जारी कर दी गई है इसलिए ये प्रतिबंध तुरंत लागू कर दिए जाएंगे."
उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषित किया पवित्र स्थल
उत्तर प्रदेश शासन के धर्मार्थ कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को इसका आदेश जारी कर दिया. अवस्थी के आदेश के अनुसार 'मथुरा एवं वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली एवं क्रीड़ा स्थली है. मथुरा एवं वृंदावन को पवित्र स्थल मानते हुए देश एवं विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने एवं पुण्य लाभ हेतु आते हैं. उक्त तीर्थ स्थलों की पौराणिक महत्ता है एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.''
अवस्थी के मुताबिक, ''उत्तर प्रदेश राज्य के नगर निगम मथुरा-वृंदावन के 22 वार्डों के अधिसूचित क्षेत्र को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया गया है. जिन वार्डों को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया गया है उनके नाम घाटी बहाल राय, गोविंद नगर, मंडी रामदास, चौबिया पाडा, द्वारिकापुरी, नवनीत नगर, वनखंडी, भरतपुर गेट, अर्जुनपुरा, हनुमान टीला, जगन्नाथपुरी, गऊघाट, मनोहरपुर, बैरागपुरा, राधानगर, बदरीनगर, महाविद्या कॉलोनी, कृष्णा नगर प्रथम, कृष्णानगर द्वितीय, कोयला गली, दम्पियर नगर और जयसिंह पुरा हैं.''
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने और मथुरा और आसपास के इलाकों के विकास के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का भी गठन किया है. सरकार ने अयोध्या और काशी के विकास के लिए पर्यटन की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन शुरू किया है.
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