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जुम्मे की नमाज पर रोक: भारत की कई घटनाओं पर पाकिस्तान ने कसा तंज, कह दी ये बात

jantaserishta.com
18 Nov 2021 7:34 AM GMT
जुम्मे की नमाज पर रोक: भारत की कई घटनाओं पर पाकिस्तान ने कसा तंज, कह दी ये बात
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नई दिल्ली: हरियाणा के गुड़गांव में स्थानीय प्रशासन ने हाल ही में स्थानीयों के विरोध का हवाला देते हुए 37 अलग-अलग स्थानों पर जुम्मे की नमाज अदा करने पर रोक लगाई है. इस प्रतिबंध को लेकर सीमा पार से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी निंदा करते हुए बयान जारी किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सरकार उत्तर प्रदेश और हरियाणा के भाजपा शासित राज्यों में संघ परिवार के कट्टरपंथियों और अधिकारियों की मिलीभगत द्वारा मस्जिदों पर हमलों और तोड़फोड़ के चलते चिंतित है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर बयान जारी कर कहा कि मुस्लिम धार्मिक स्थलों को लेकर लगातार घृणित घटनाएं हो रही हैं. एक ऐसी ही घटना में कट्टरपंथी हिंदू समूहों द्वारा मुस्लिमों के पवित्र स्थल पर कथित तौर पर गाय के गोबर का भी इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय चिंताओं के बावजूद त्रिपुरा में मुस्लिमों और उनके धार्मिक स्थलों, घरों और बिजनेस पर लगातार हमले जारी हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से आए बयान में ये भी कहा गया कि बीजेपी शासित प्रदेशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघनों के खिलाफ आवाज उठाने वाले सैंकड़ों लोगों, वकीलों और पत्रकारों को यूएपीए जैसे कठोर कानूनों के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है.
इस बयान में आगे कहा गया है कि महाराष्ट्र में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सहित भाजपा के कई कट्टरपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा मुस्लिमों की दुकानों, मस्जिदों और धर्मस्थलों पर हिंसक हमले भी किए गए. इस मामले में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील करता है कि बढ़ते इस्लामोफोबिया को रोकने के लिए वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ हिंसक हमलों को रोका जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए.
2 नवंबर को गुड़गांव के स्थानीय प्रशासन ने कहा था कि स्थानीय लोगों की सहमति देने के बाद ही नमाज अदा करने के लिए जगह तय की जाएंगी और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि इलाके में नमाज अदा करने को लेकर किसी तरह का विरोध ना हो. दरअसल, पिछले शुक्रवार को संयुक्त संघर्ष समिति से जुड़े एक समूह ने सेक्टर 12 ए के एक नमाज स्थल पर डेरा डाल लिया था और वहां एक वॉलीबॉल कोर्ट बनाने की बात कही थी. एक अन्य समूह ने सारहौल में एक पार्क में इकठ्ठा होकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नमाज कहीं और अदा करने के लिए मजबूर कर दिया था. इन घटनाओं के बाद गुड़गांव के स्थानीय प्रशासन ने 37 सार्वजनिक स्थलों पर नमाज अदा करने पर रोक लगा दी थी.
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