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राजस्थान में पटाखों पर बैन, खरीद और बेचने पर पूरी तरह से रोक

Rani Sahu
30 Sep 2021 4:18 PM GMT
राजस्थान में पटाखों पर बैन, खरीद और बेचने पर पूरी तरह से रोक
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गहलोत सरकार ने राजस्थान में 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2022 तक सभी तरह के पटाखे फोड़ने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है

गहलोत सरकार ने राजस्थान में 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2022 तक सभी तरह के पटाखे फोड़ने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है (Ban on Crackers in Rajasthan). गृह विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया. सरकार ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते मरीजों को होने वाली दिक्कत के चलते यह फैसला लिया गया है.

आदेश में कहा गया है कि कई विशेषज्ञों ने कोविड -19 के मामलों में बढ़ोतरी और तीसरी लहर का संकेत दिया है. अब त्यौहारी सीजन के चलते पटाखों को फोड़कर बड़े पैमाने पर समारोहों के परिणामस्वरूप न केवल सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन का उल्लंघन होगा, बल्कि उच्च स्तर का वायु प्रदूषण भी दिल्ली में गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों को जन्म देगा.
पिछले साल भी लगाया गया था बैन
आगे कहा गया, वायु प्रदूषण और श्वसन संक्रमण के बीच महत्वपूर्ण संबंध को देखते हुए, कोविड-19 संकट के तहत पटाखे फोड़ना बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं है. पिछले साल भी कोरोना से संकमित व्यक्तियों को आतिशबाजी से होने वाले वायु प्रदूषण से श्वसन तंत्र में होने वाली संभावित खराबी के कारण आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया गया था.
राजधानी दिल्ली में लगा बैन
अब इस साल भी कोरोना के चलते सभी प्रकार की आतिशबाजी को बेचने व चलाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. यह बैन 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2022 तक जारी रहेगा. वहीं हाल ही में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने राजधानी दिल्ली 1 जनवरी, 2022 तक सभी तरह के पटाखे फोड़ने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के दौरान संभावित प्रदूषण के चरम स्तर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया.
सुप्रीम कोर्ट भी मामले को लेकर सख्त
वहीं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में पटाखा निर्माताओं के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नेताओं पर तंज कसते हुए कहा था, चुनाव जीतने के बाद पटाखे जलाए जाते हैं, जिनकी जिम्मेदारी है आदेश लागू कराने कि वही उल्लंघन कराते हैं. हजार नहीं दसियों हजार बार ऐसे उल्लंघन होता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में कोई रियायत नहीं बर्दाश्त करेंगे. हम समुचित आदेश देंगे.


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