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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
सीतपुर: यूपी के सीतपुर में बकरीद के दिन एक परिवार ने इस खास त्योहार पर बेहद अनोखे अंदाज से कुर्बानी कर मिसाल पेश की. मोहल्ला ग्वालमंडी के रहने वाले मेराज अहमद ने बकरीद के मौके पर बकरे की कुर्बानी ना देकर बकरे की फोटो लगे केक को काटकर कुर्बानी दी. इस मौके पर मेराज के साथ जिला पशु सेवा समिति के लोग भी मौजूद थे. मेराज ने बताया कुर्बानी के लिए बकरे और ऊंट की जरूरत नहीं है. प्रतीकात्मक तौर पर भी यह त्योहार इस तरीके से मनाया जा सकता है.
मेराज के मुताबिक कुर्बानी देने के लिए दुनिया में और तमाम तरीके हैं. लोग रक्तदान करें, गरीब लड़कियों की शादी में मदद करें. विकलांगों की इलाज के आगे आएं. अल्लाह की इबादत में इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता. अल्लाह ने किसी के जीवन खत्म करने का हक इंसान को नहीं दिया है.
मेराज अहमद पशु सेवा समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. उनका का कहना है कि समाज मे सर्वोच्च सोच रखने की अब जरूरत है. साल में बक़रीद के त्योहार पर हजारों-लाखों रुपये के बकरों की कुर्बानी दे दी जाती है. कुर्बानी की जगह अब गरीबों की मदद करनी चाहिए.
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