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बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या का मामला, सीएम से की NIA जांच की मांग

Nilmani Pal
22 Feb 2022 12:56 AM GMT
बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या का मामला, सीएम से की NIA जांच की मांग
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कर्नाटक। कर्नाटक के शिमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के बाद से तनाव का माहौल है. यहां मंगलवार सुबह 11 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस घटना के बाद शुरू हुए बवाल पर राजनीति भी गरम है. स्कूल-कॉलेजों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है. स्थानीय पुलिस की मदद के लिए राज्य भर से 212 निरीक्षक और उप निरीक्षक शिमोगा पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि बवाल के बीच प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को सिद्दैया रोड (Siddaiah road) पर हवाई फायरिंग तक करनी पड़ी. इस हत्याकांड में अब तक 2 आरोपियों (कासिफ और नदीम) को गिरफ्तार किया जा चुका है. इधर, केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने सीएम को पत्र लिखकर NIA जांच की मांग की है.

वहीं, कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि ये मौजूदा हिजाब विवाद से संबंधित नहीं है, लेकिन हमें किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आगे की जांच का इंतजार करना चाहिए. राज्य के गृह मंत्री ने बताया है कि आरोपी स्थानीय ही हैं. वहीं, बजरंग दल कार्यकर्ता की मौत के बाद बीजेपी नेताओं के भी अलग-अलग बयान आ रहे हैं. कोई इसे हिजाब विवाद से जोड़ रहा है, तो कोई इनमें आपस में कनेक्शन से इनकार कर रहा है. बीजेपी विधायक और सीएम के सचिव रेणुकाचार्या ने शिमोगा के मामले को हिजाब से जोड़ा है. वह बोले कि यह हिजाब विवाद की वजह से हुआ है.

बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के बाद कर्नाटक सरकार में मंत्री ईश्वरप्पा ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार पर निशाना साधा था. उन्होंने आरोप लगाया कि 'तिरंगा हटाकर, भगवा फहराया गया', ऐसी बातें करके शिवकुमार ने धर्म विशेष को भड़काया था. वहीं बदले में डीके शिवकुमार ने ईश्वरप्पा को 'पागल' तक कह दिया है.

कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि पिछले हफ्ते जब हिजाब विवाद शुरू हुआ था, तब मैंने पहले ही ऐसा कुछ होने का अंदेशा जताया था. अब एक लड़के की मौत हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी अब खुश हो सकते हैं, क्योंकि उन्होंने राज्य की शांति को भंग कर दिया है.

कुमारस्वामी ने आगे कहा कि ऐसा चुनाव की वजह से आगे दोबारा हो सकता है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कर्नाटक में होगा. ऐसा नॉर्थ इंडिया में होता है. ऐसे माहौल की वजह से स्कूल और कॉलेज बंद हैं. जो कर्नाटक के तटीय इलाके में शुरू हुआ था, वह अब पूरे राज्य में हो रहा है.

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