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एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष सीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। गायत्री की कम्पनी के पूर्व डायरेक्टर बृज भुवन चौबे ने महिला के साथ ही गायत्री व उनके बेटे अनिल प्रजापति के खिलाफ धोखाधड़ी और ब्लैकमेल करने की एफआईआर दो साल पहले दर्ज करायी थी।
एपीओ सोनू सिंह राठौर के मुताबिक बृजभान चौबे ने 17 सितंबर 2020 को गोमती नगर विस्तार थाने में दर्ज करायी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ चित्रकूट की रहने वाली महिला ने रेप का मुकदमा लिखाया था। उसने हर स्तर पर घटना का समर्थन किया था। कहा गया है कि इसी विरोध के चलते गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत उच्च न्यायालय से भी खारिज हो गई थी।
जमानत अर्जी के विरोध में यह भी कहा गया कि दुष्कर्म के मुकदमे से बचने का कोई उपाय न देखकर गायत्री प्रसाद प्रजापति ने दुष्कर्म पीड़िता को अपने लड़के अनिल कुमार प्रजापति व अन्य लोगों के माध्यम से अपने पक्ष में मिला लिया तथा इस मुकदमे से बचने के लिए उन्होंने वादी से कहा कि वह जैसा कहें वही करें। यह भी आरोप है कि इसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति ने वादी पर दबाव डालकर उससे कई रजिस्ट्रियां करवाई।
आरोप है कि महिला ने खरगापुरपुर की जमीन अपने नाम करने की धमकी देकर कहा कि यदि वह जमीन की रजिस्ट्री नहीं करेगा तो 164 के बयानों में उसका नाम लेकर फंसा देगी। इस मामले में गोमती नगर विस्तार पुलिस ने अदालत से जारी वारंट पर महिला को गत 10 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
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