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जेल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, नामांकन भरने की अनुमति

jantaserishta.com
10 Feb 2022 3:34 PM GMT
जेल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, नामांकन भरने की अनुमति
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उत्तर प्रदेश में चुनाव का आगाज हो चुका है. गुरुवार को राज्य में पहले चरण के लिए मतदान किया गया. इसी बीच खबर है कि मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को चुनाव लड़ने के लिए नामांकन प्रक्रिया को अनुमति मिल गई है. जानकारी के मुताबिक मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को चुनाव लड़ने के लिए बांदा जेल में ही नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिया है.

बता दें कि मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के वकील ने उनकी तरफ से मऊ एमपी एमएलए कोर्ट में मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव लड़ने को लेकर उनके नामांकन के लिए बांदा जेल में जाने की अनुमति की मांग की थी. लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल के चलते जेल में किसी भी कैदी से मिलने की इजाजत नहीं है.
ऐसे में मुख्तार अंसारी को चुनाव लड़ने और अपने नामांकन प्रक्रिया को पूरी करने के लिए प्रस्तावक, वकील, नोटरी, अधिवक्ता, फोटोग्राफर आदि को बांदा जेल में जाकर सारी कार्रवाईयों को करने की आवश्यकता थी. इसी को लेकर मुख्तार अंसारी के वकील ने मऊ के एमपी/ एमएलए कोर्ट में अर्जी डाली थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को चुनाव लड़ने और नामांकन की प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए आवश्यक लोगों को बांदा जेल जाने की अनुमति दी है.
मुख्तार अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 356 विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार विधानसभा सदस्य पद पर नामांकन की प्रक्रिया 10 फरवरी से 17 फरवरी तक होनी है. नामांकन पत्र एवं उसके साथ संलग्न शपथपत्र पर प्रत्याशी की चल अचल संपत्तियों से संबंधित, मुकदमों से संबंधित ब्यौरा दर्ज किया जाता हैं. और नामांकन पत्र पर उम्मीदवार का हस्ताक्षर होता है. नामांकन पत्र सहित शपथपत्र, पब्लिक नोटरी अधिवक्ता द्वारा प्रमाणित किया जाता हैं.
ऐसी स्थिति में मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, एवं प्रस्तावकों का नामांकन पत्र के साथ जेल अथॉरिटी के सामने पेश होना तथा औपचारिकताएं पूर्ण कराया जाना है. ऐसे में नामांकन की औपचारिकता पूर्ण कराने के लिए अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, प्रस्तावकों, फोटोग्राफर को बांदा जेल में जाने की अनुमति दिए जाने की मांग की थी. सुनवाई के बाद एडीजे ने जेल अधीक्षक बांदा को आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है.
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