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जबलपुर/पनागर। बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के पनागर में चल रही है, कथा के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कालेधन की परिभाषा बताई, उन्होंने बताया कि किसी के अधिकार पर किसी और के द्वारा कब्जा करना ही कालाधन है, संसार, श्वांस, शरीर सब भगवान का है, लेकिन उस पर कब्जा हमारा है, यही कालाधन है, कथा के दौरान उन्होंने मंच से कहा कि मेरी इच्छा है नर्मदा माई के किनारे पर रामकथा करें, कथा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आईये जानते हैं कथा में और क्या बोले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री।
पनागर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बागेश्वर धाम पीठ के शास्त्री ने कहा कि उनकी इच्छा है कि वे मां नर्मदा माई के किनारे श्रीराम कथा करें। नर्मदा मैया के किनारे ही मंच लगे और माई की जलधार के प्रवाह के साथ नौ दिन या पांच दिन की रामकथा हो। उन्होंने कहा कि इस शहर को संस्कारों की नगरी इसीलिए कहा गया है क्योंकि यहां वालों को नर्मदा मैया का सान्निध्य मिला है। वहीं, भोजपुरी गायक अभिनेता मनोज तिवारी भी कथा में पहुंचे और गीत की प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा कि हमारे आपके जीवन में कालिमा लग गई, जिसे कालिख भी कहते हैं। काला धन क्या है, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि किसी के अधिकार पर किसी और का कब्जा कर लेना, यही कालाधन है। हम लोगों का यही हाल है। संसार, शरीर, श्वांस सब भगवान की है, पर कब्जा हमारा है। यही कालिमा हममें लगी हुई है। यही कालाधन हम लिए बैठे हैं। ऐसे में रिकवरी अपनी ही निकलनी चाहिए। यदि श्वांस हमारी होती तो हम अपने हिसाब से लेते। सब कुछ भगवान का है, फिर भी हम सब कुछ अपना समझते हैं।
राम-कृष्ण की समानता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में जब भगवान भोले नाथ प्रभु श्रीराम के दर्शन करने गए तो उनकी आंखों में आंसू थे। उन आंसुओं को देख कर श्रीराम ने कहा कि इस जन्म में आप मेरे दर्शन के लिए रोए हैं, अगले जनम में आपके दर्शन के लिए मैं रोऊंगा। उन्होंने कहा कि राम का जन्म दिन को 12 बजे हुआ तो रात दुखी हो गई। क्योंकि सूर्य एक माह तक गए नहीं। इसलिए रात ने भगवान से प्रार्थना की मुझमें कलंक न लगे। भगवान ने कहा सबसे ज्यादा अंधियारी कब होती है। उन्होंने कहा कि भाद्र में। भगवान ने कहा कि तुम्हारे साथ अन्याय नहीं होगा। भादों में आधी रात आएंगे। भगवान किसी के साथ अन्याय नहीं करते। यही समानता दोनों अवतारों में है।
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Shantanu Roy
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