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बदरुद्दीन अजमल ने राष्ट्रपति कोविंद को लिखा पत्र, दरांग में बेदखली खत्म करने की मांग
Deepa Sahu
4 Oct 2021 5:10 PM GMT
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बेदखली को अमानवीय बताते हुए,
बेदखली को अमानवीय बताते हुए अजमल ने ये भी अपील की कि ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) के खिसकने के कारण भूमि के कटाव से प्रभावित लोगों को एक आईडीपी प्रमाण पत्र दिया जाए और फायरिंग की घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो.
एआईयूडीएफ प्रमुख और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से असम के दरांग जिले के धौलपुर में बेदखली को तुरंत रोकने की अपील की. पिछले महीने यहां किसानों और पुलिस के बीच खूनी झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें एक 12 साल का लड़का भी था. सांसद बदरुद्दीन अजमल ने इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बेदखली अभियान से असम में सामाजिक अस्थिरता पैदा हो सकती है.
साथ ही सांसद अजमल ने राष्ट्रपति कोविंद को एक ज्ञापन में उन लोगों के पुनर्वास और 23 सितंबर को बेदखली अभियान के बाद हुई हिंसा के बाद पुलिस गोलीबारी में मारे गए और घायल लोगों को मुआवजा देने की भी मांग की. कांग्रेस और सीपीएम समेत कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस अभियान को समाप्त करने की मांग की है.
फायरिंग की घटना की हो उच्च स्तरीय न्यायिक जांच- बदरुद्दीन अजमल
बेदखली को अमानवीय बताते हुए अजमल ने ये भी अपील की कि ब्रह्मपुत्र नदी के खिसकने के कारण भूमि के कटाव से प्रभावित लोगों को एक आईडीपी प्रमाण पत्र दिया जाए और फायरिंग की घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो. एआईयूडीएफ नेता ने बेदखल किए गए लोगों को भारतीय नागरिक बताते हुए कहा कि उनकी नागरिकता के समर्थन में सभी आवश्यक दस्तावेज हैं. साथ ही उन्होंने असम की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर भाषाई अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट करने का आरोप लगाया.
झड़प में 9 पुलिसकर्मी भी घायल
पिछले महीने असम के दरांग जिले के धौलपुर गोरुखुटी इलाके में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प में जहां दो लोगों की मौत हो गई थी, वहीं कई लोग घायल हुए थे. घायल लोगों में 9 पुलिसकर्मी भी शामिल थे. झड़प उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मियों की एक टीम अवैध अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए इलाके में गई थी. असम सरकार की तरफ से दरांग जिले के धौलपुर गोरुखुटी गांव में बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाया गया था, जिसके बाद 800 परिवार बेघर हो गए थे.
जून में चलाया गया था पहला अभियान
सरकार का दावा है कि ये लोग अतिक्रमण करके रह रहे थे. इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं. पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प का एक वीडियो भी सामने आया था, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ. गांव में पहला बेदखली अभियान जून में चलाया गया था जिसके बाद एक तथ्य तलाशने वाली एक समिति ने इलाके का दौरा किया था.
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