बाबा रामदेव ने बताया- बचपन में प्लेन को कहते थे चीलगाड़ी, पर विकल्प रहित संकल्प से आज टाटा-बिड़ला मेरे पीछे
बाबा रामदेव योगगुरु के साथ-साथ एक शानदार वक्ता भी रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हम उस गांव से आते हैं जहां आज भी कोई बस और ट्रेन नहीं जाती है। गांव के ऊपर से जब हवाई जहाज जाता था तो हमें इसका नाम नहीं पता होता था। हम उसे चीलगाड़ी कहा करते थे।मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा ने बाबा रामदेव से पूछा कि आप और बालकृष्ण काफी दिनों से साथ काम कर रहे हैं। क्या आजतक आप दोनों के बीच किसी मुद्दे पर मतभेद हुए हैं? रामदेव ने जवाब देते हुए कहा कि मतभेद वहां होता है जहां कुछ पाने की इच्छा हो। जो दुनियावी चीजें हैं उसे लेकर लोगों में विवाद होता है। जब आपको अपने लिए कुछ चाहना नहीं, तब विवाद क्यों होगा? उन्होंने कहा कि हम काफी पिछड़े हुए जगह से आते हैं। हमें यह भी नहीं पता होता था कि हवाई जहाज कहते हैं इस गाड़ी को और यह कहां से उड़ता है और कहा तक जाता है।