एलोपैथी पर विवादित बयान देकर खेद जताने वाले बाबा रामदेव ने अब फॉर्मा कंपनियों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से 25 सवाल पूछे हैं. बाबा रामदेव ने रोजाना की जिंदगी की सामान्य बीमारियों के उपचार में एलोपैथी यानी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रासांगिकता पर सवाल उठाया है. बाबा रामदेव ने कहा है कि एलोपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथी के डॉक्टर तो बीमार ही नहीं होने चाहिए. कोरोना का जिक्र करते हुए बाबा रामदेव ने कहा है कि फार्मा इंडस्ट्री में कोरोना मरीज को बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ऑक्सीजन बढ़ाने का कोई उपाय है तो बताएं?
रामदेव ने कहा है कि एलोपैथी के पास हाइपरटेंशन और उससे जुड़ी समस्याओं के लिए निर्दोष स्थायी समाधान क्या है? उन्होंने कहा कि एलोपैथी पास टाइप-1 टाइप-2 डाइबिटीज के लिए स्थायी निदान क्या है? दवा कंपनियों के पास थायरॉइड, आर्थराइटिस, कोलाइटिस और अस्थमा की समस्या का क्या परमानेंट निदान है.
बाबा रामदेव ने कहा कि फॉर्मा इंडस्ट्री के पास सिरदर्द, माइग्रेन का दर्द का कोई परमानेंट सॉल्यूशन है. जिससे बार बार सिरदर्द और माइग्रेन न हो? ऐसा कोई इलाज है जिससे एक बार दवा खाने पर सिरदर्द परमानेंट बंद हो जाए. बता दें कि आईएमए ने वायरल वीडियो के आधार पर दावा किया था कि रामदेव कह रहे हैं कि एलोपैथी एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस है. बाद में बाबा रामदेव ने अपने इस बयान पर खेद जताते हुए कहा था कि ये उनका अपना बयान नहीं था बल्कि एक व्हाट्सएप संदेश था जिसे वह पढ़कर सुना रहे थे. हालांकि आज बाबा रामदेव ने कहा कि वे मॉडर्न मेडिकल साइंस का सम्मान करते हैं लेकिन एलोपैथी जगत को भी आयुर्वेद का सम्मान करना चाहिए.