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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना की तीसरी लहर भले ही हल्की पड़ चुकी है, लेकिन डब्ल्यूएचओ यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO- World Health Organization) ने चेताया है कि खतरा अभी कम नहीं हुआ है. देश को कोरोना के नए-नए वेरिएंट्स का फिर से सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में सावधानी बरतनी जरूरी है. बता दें कि ओमिक्रोन के नए (Omicron) BA.2 सबवेरिएंट ने दस्तक दे दी है. ऐसे में इस वेरिएंट के बारे में सबकुछ जानना जरूरी है
(Omicron) BA.2 सबवेरिएंट कितना खतरनाक है? इसके क्या कारण हैं? (Omicron) BA.2 सबवेरिएंट के लक्षण क्या हैं? इस वेरिएंट से कैसे बचाव किया जा सकता है? जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब मनिपाल गुणगांव के सीनियर कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट पीयूष गोयल (Dr. Piyush Goel, Senior Consultant pulmonologist)…
कितना खतरनाक है BA.2 सबवेरिएंट?
BA.2 सबवेरिएंट पेरेंट वेरिएंट की मुकाबले ज्यादा गंभीर माना जा रहा है. यह वेरिएंट दूसरे वेरिएंट की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है. हालांकि एक सवाल अभी भी बना हुआ है कि ये ओमिक्रोम से कितना ज्यादा खतरनाक है? ऐसा मान सकते हैं कि ये ओमिक्रोन की तरह ही बिहेव करेगा. अच्छी बात ये है कि जिन लोगों को ओमिक्रोन हो गया है उन लोगों को इस वेरिएंट का कम खतरा है. ऐसा इसलिए क्योंकि डेल्टा वेरिएंट और ओमिक्रोम वेरिएंट में काफी अंतर है. जबकि ओमिक्रोम वेरिएंट का सबवेरिएंट ओमिक्रोम वेरिएंट जैसा ही हो सकता है. ऐसे में जिन लोगों को पहले ओमिक्रोन हो गया है उनकी इम्यूनिटी इस वेरिएंट से लड़ने के लिए तैयार है.
BA.2 सबवेरिएंट के लक्षण
अभी तक इसके लक्षण ओमिक्रोन जैसे ही हैं, जो कि इस प्रकार हैं-
1 – शरीर मे दर्द की समस्या.
2 – गंभीर रूप से बुखार की समस्या.
3 – गले में खराश की समस्या.
4 – बोलने में कठिनाई महसूस करना.
5 – निमोनिया के लक्षण नजर आना.
6 – ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट महसूस करना (हालांकि ऐसा काफी कम मामलों में देखा गया है.)
ये वेरिएंट कैसे शरीर में प्रवेश कर सकता है?
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि ये ओमिक्रोन की तरह ही बिहेव कर सकता है. ऐसे में ये वेरिएंट सांस लेने के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है. जिन लोगों के हाथ सैनिटाइज नहीं हैं या जिन लोगों ने कोविड से बचाव की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है वे इस वेरिएंट की चपेट में आ सकते हैं.
इस वेरिएंट से कैसे बचाव किया जा सकता है?
1 – अपने हाथों को समय-समय पर धोते रहें.
2 – किसी से हाथ मिलाने के बाद अपने हाथों को सैनिटाइज करें.
3 – सामाजिक दूरी का ध्यान रखें.
4 – मास्क का इस्तेमाल करें.
5 – वैक्सिनेशन करवाना जरूरी है.
6 – यदि आपको कोई समस्या है जैसे- दिल की समस्या, किडनी की समस्या, ब्लड प्रेशर की समस्या, शुगर की समस्या आदि होने पर अपना विशेष ख्याल रखें.
नोट – अगर व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. जुकाम, खांसी या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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