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आजमगढ़ उपचुनाव: समाजवादी पार्टी को उलेमा काउंसिल ने समर्थन देने से किया इनकार

Nilmani Pal
20 Jun 2022 8:46 AM GMT
आजमगढ़ उपचुनाव: समाजवादी पार्टी को उलेमा काउंसिल ने समर्थन देने से किया इनकार
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यूपी। उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ सीट पर हो रहे उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को बड़ा झटका लगा है और अब नेशनल उलेमा काउंसिल (Ulema counsil)ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को अपना समर्थन देने का फैसला किया है. असल में विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में ये चर्चा थी कि मुस्लिम सपा से नाराज हैं. लेकिन आजमगढ़ उपचुनाव (Azamgarh lok Sabha Bypolls) में ये साबित हो गया है. उलेमा काउंसिल मुस्लिम वर्ग में काफी ताकतवर मानी जाती है और वह सपा को समर्थन देती रही है. लेकिन आजमगढ़ उपचुनाव में बीएसपी को समर्थन देकर उसने सपा को झटका दिया है.

बताया जाता है कि आजमगढ़ की सदर, मुबारकपुर और गोपालपुर विधानसभा सीटों पर उलेमा काउंसिल का खासा प्रभाव है और 2017 के विधानसभा चुनाव में काउंसिल ने बीएसपी को समर्थन दिया था और वह चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं विधानसभा चुनाव 2022 में काउंसिल ने सपा को समर्थन दिया था और वह जिले में आठ जिलों को जीतने में सफल रही थी. लेकिन आजमगढ़ उपचुनाव के मतदान से पहले बीएसपी प्रत्याशी को समर्थन का ऐलान कर काउंसिल ने सपा की मुश्किलें बढ़ा दी है. असल में अभी तक सपा यादव और मुस्लिम समीकरण के बल पर जीत का दावा कर रही थी. गौरतलब है कि आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए 23 जून को वोटिंग होनी है, जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है..

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही सपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व विधायक राम दर्शन यादव भाजपा में शामिल हो गए थे. वहीं वह शिवपाल सिंह के साथ थे. लेकिन राम दर्शन यादव के बीजेपी में शामिल होने के बाद सपा झटका लगा था. वहीं दूसरी तरफ अब राष्ट्रीय उलेमा परिषद ने बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली को समर्थन देकर सपा को दूसरा बड़ा झटका दिया है. चर्चा है कि इससे सपा को चुनाव में नुकसान हो सकता है.


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