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आजमगढ़ उपचुनाव: खिला कमल, भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ जीते

jantaserishta.com
26 Jun 2022 12:30 PM GMT
आजमगढ़ उपचुनाव: खिला कमल, भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ जीते
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: यूपी में लोकसभा उप चुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की है. रामपुर के बाद आजमगढ़ भी बीजेपी ने फतह कर लिया है. आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत दर्ज की है. निरहुआ ने सपा प्रत्याशी और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हराया है. 3 साल पहले 2019 के आम चुनाव में निरहुआ को अखिलेश यादव ने बुरी तरह हराया था. तब अखिलेश 2,59,874 वोटों से चुनाव जीते थे. अखिलेश को 621,578 और निरहुआ को 361,704 वोट मिले थे.

चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार उपचुनाव में बीजेपी के निरहुआ को 312768 वोट मिले. जबकि सपा के धर्मेंद्र यादव को 304089 वोट मिले. गुड्डू जमाली को 266210 वोट मिले. चौथे नंबर पर 4732 वोट नोटा के खाते में आए. यहां निरहुआ 8500 से भी ज्यादा वोटों से चुनाव जीते हैं. माना जा रहा है कि बसपा ने रामपुर में वाकओवर दिया और आजमगढ़ में अपना उम्मीदवार उतारकर सपा के सारे समीकरण बिगाड़ दिए.
2022 में अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ये सीट खाली हो गई थी. अखिलेश ने इस सीट से चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को उतारा था. मगर, उनका ये दांव कामयाब नहीं हो सका और वह बुरी तरह हार गए. निरहुआ आजमगढ़ सीट पर लोकसभा चुनाव के बाद भी सक्रिय देखे गए और क्षेत्र के मुद्दे उठाते रहे.
आजमगढ़ सीट पर उपचुनाव की काउंटिंग के दौरान निरहुआ और धर्मेंद्र के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला. प्रत्येक राउंड की गिनती के बाद दोनों के वोटों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया था. आखिरी के चरणों में निरहुआ भारी पड़े और उन्होंने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली.
बताते चलें कि सपा ने धर्मेंद्र को सोची समझी रणनीति के तहत प्रत्याशी बनाया था. आजमगढ़ में रमाकांत यादव को छोड़ दिया जाए तो सपा ने यहां से जब भी किसी स्थानीय नेता पर दांव खेला, उसे हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में आजमगढ़ के किले को बचाए रखने के लिए सपा के पास सैफई परिवार के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं था.
हालांकि, बसपा ने यहां उम्मीदवार उतारकर सपा की मुश्किलें बढ़ी दी थीं. बसपा ने आजमगढ़ से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को मैदान में उतार कर मुस्लिम-दलित गठजोड़ का बड़ा दांव खेला था. वहीं, बीजेपी ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को उतारकर सपा के यादव वोटबैंक में सेंधमारी का गेम प्लान सेट किया था. बसपा और बीजेपी के सियासी चक्रव्यूह को तोड़ने और सियासी किले को बचाए रखने के लिए सपा ने बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को उतारा. हालांकि, अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका.



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