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आजम खान की रिहाई आज, जेल पहुंचा कोर्ट का आदेश

Nilmani Pal
20 May 2022 12:47 AM GMT
आजम खान की रिहाई आज, जेल पहुंचा कोर्ट का आदेश
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यूपी। सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का रिहाई आदेश देर रात जिला कारागार पहुंच गया है. रामपुर से विशेष वाहक के जरिए यह आदेश वहां के न्यायालय द्वारा भेजा गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि आज सुबह आजम खान की रिहाई हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की रिहाई का आदेश 19 मई को ही दे दिया था, लेकिन कोर्ट सर्टिफाइड कॉपी जेल न पहुंचने के कारण रिहाई लेट हो गई. आज 12.15 बजे उनकी रिहाई का परवाना सीतापुर जेल पहुंचा है. सपा नेता की रिहाई पर उन्हें लेने के लिए उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और भाई भी सीतापुर पहुंचेंगे.

आजम खान के खिलाफ 88 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 87 मामलों में उनकी पहले ही जमानत हो गई थी. बीते दिनों लिखे गए एक नए मुकदमे में सुनवाई में विलंब के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए आजम खान को एक-एक लाख रुपये के बेल बॉन्ड पर अंतरिम जमानत दी है. आजम खान इस मामले में रेगुलर बेल डाले जाने और उसके निस्तारण तक अंतरिम जमानत पर रहेंगे.

गुरुवार को अंतरिम जमानत का फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आजम खान की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल कोर्ट से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा. गौरतलब है कि 88 मामलों में आजम खान पिछले 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं. वह एक केस में जमानत लेते तो दूसरा केस दायर हो जाता. इसके बाद आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां मंगलवार को सुनवाई हुई थी.

सुप्रीम कोर्ट में आजम खान की जमानत याचिका पर बुधवार को भी सुनवाई हुई थी. जस्टिस एल नागेश्वर राव, बी आर गवई और बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई की थी. इस दौरान जस्टिस गवई ने पूछा था कि आजम खान को जमानत मिलते ही एक और केस दर्ज होने का इत्तेफाक क्यों हो रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह फिर से हो रहा है, एक मामले में सुनवाई के बाद और भी शिकायतें दर्ज होंगी. जब भी उन्हें (आजम) किसी एक मामले में जमानत मिलती है तो दूसरा केस दर्ज होने का इत्तेफाक क्यों? इस पर स्टेट काउंसिल ने कहा कि कोई भी मामला फालतू नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.


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