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मंच पर पहुंचे आजम खान को आया गुस्सा, लोगों को दी नसीहत

Nilmani Pal
30 April 2023 1:48 AM GMT
मंच पर पहुंचे आजम खान को आया गुस्सा, लोगों को दी नसीहत
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उत्तर प्रदेश। नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रचार जोरों पर है. नगर निकाय चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पूरी ताकत झोंक दी है तो वहीं विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता भी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. शनिवार को सपा के वरिष्ठ नेता और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री आजम खान ने रामपुर जिले की शाहबाद तहसील में आयोजित जनसभा को संबोधित किया. आजम खान जैसे ही मंच पर पहुंचे, हो-हल्ला होने लगा. आजम खान इस पर भड़क गए. आजम खान ने लोगों को खामोशी से सुनने की नसीहत दी और अपने आपको भिखारी बताते हुए कहा कि हाथ फैलाए खड़ा हूं, वोट की भीख मांगने आया हूं. आजम स्थानीय निकाय चुनाव में कुरान हदीस अल्लाह रसूल दीन ईमान का वास्ता देते हुए वोट मांग रहे हैं.

आजम खान ने जनसभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई मर्ज हो गया है बोलने का. क्या हो गया है तुम्हें? तुम लोग एक जगह खड़े नहीं हो सकते, कंधे से कंधा मिलाकर एक दूसरे का लिहाज नहीं कर सकते. तुम्हारे अंदर अनुशासन ही नहीं हैं. भेड़ों से बदतर हो गए हैं हम. उन्होंने कहा कि तुमसे ज्यादा किसमें अनुशासन था. तुम्हारी अजान का वक्त एक, तुम्हारी नमाज का वक्त एक और इसके बाद भी अनुशासन नहीं है. हम तो तुमसे मांगने आए हैं. बताओ, मांगने वाला क्या लेकर आता है खुले हुए हाथ. खुले हाथ किसके होते हैं? भिखारी के. हमारी हैसियत क्या है, भीख मांगने वाले की.

आजम खान ने कहा कि हम भिखारी ही तो हैं. कोई हाथ में वोट रख देता है, कोई नोट रख देता है, कोई थूक देता है और कोई अंगारे रख देता है. उन्होंने कहा कि इन सभी को समेटकर हम तुम्हारे बच्चों के लिए कलम खरीद कर लाते हैं, चाकू नहीं. आजम ने आगे कहा कि तुम हमारे खुले हाथों की कदर नहीं करोगे तो फिर दोबारा हाथ फैलाने वाला पैदा नहीं होगा. इन हाथों की लाज रखो.

उन्होंने रामपुर में चाकू लगवाए जाने को लेकर सरकार पर तंज भी किया. यूपी सरकार के पूर्व मंत्री ने कहा कि जब जेल से हमारी औलाद ने हमें रुखसत किया था तब हमने कपड़े बदलते वक्त यह कहा था कि बेटे कलम जरूर लगा देना जिससे अगर हम वहां तक जिंदा ना भी पहुंचें तो यह लाश कलम वाली लाश कहलाए, बे कलम की नहीं. उन्होंने आगे कहा कि तुम तो फिर भी जिंदा हो. तुम्हारी पहचान जो लोग मिटाना चाहते हैं, उनके मंसूबों पर गौर तो करो.


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