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आजाद हिंद बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन की हुई बैठक

Nilmani Pal
6 Nov 2022 12:24 PM GMT
आजाद हिंद बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन की हुई बैठक
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कोटा। हिन्द मजदूर सभा एवं बिल्डिंग एण्ड वूड वर्कर्स इंटरनेशनल से संलग्न आजाद हिन्द बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन की बैठक यूनियन कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित की गई। यूनियन के कोषाध्यक्ष राकेश मालव ने बताया पंजीकृत भवन एवं संनिर्माण श्रमिकों को कोरोना काल के बाद से बीओसीडब्ल्यू बोर्ड की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं होने से श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है। अधिकारियों को श्रमिकों की समस्याओं से अवगत कराने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।

महामंत्री मुकेश गालव ने भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों से अपील की है कि 23 नवम्बर को रैली में भाग लेकर राजस्थान सरकार श्रम विभाग को जगाने का काम किया जायेगा।

ये हैं श्रमिकों की प्रमुख मांगें-

दो साल से पंजीकृत भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों को योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है। श्रमिकों की शुभशक्ति योजना के आवेदनों को बिना कारण रिजेक्ट किया जा रहा है। श्रमिक के साथ दुर्घटना होेने पर 1 बार आवेदन ऑनलाईन होता है। दुबारा एक्सीडेन्ट होने पर आवेदन ऑन लाईन नही होता है। इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाये।

श्रमिक डायरी के नवीनीकरण के लिए श्रमिक डायरियाँ 5 या 7 साल से बन्द है उन्हें चालू करवाने हेतु अंशदान जमा करवाने के लिए डायरी जब से बन्द है तभी से कार्य प्रमाण पत्र मांगा जाता है। जो कि श्रमिक को देने में काफी परेशानी होती है। नियोजक व ठेकेदार मना कर देते है तथा ऑनलाईन आवेदन से पिछले 1 वर्ष का ही नियोजक प्रमाण पत्र मांगा जाना चाहिये। रिजेक्ट आवेदनों की अपील समय पर दिये जाने के पश्चात भी उन्हें रि-ओपन नही किया जाता है। शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण करवाया जाये या निश्चित समयावधि के पश्चात ऑन लाईन से उसका रिकार्ड हटा दिया जाये जिससे दुबारा आवेदन किया जा सकें।

श्रम विभाग बून्दी, बांरा व झालावाड में आवेदन ऑन-लाईन के पश्चात कमी पूर्ति में डाल दिया जाता है। कमीपूर्ति के पश्चात हिताधिकारी को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाता है। श्रमिक के लेबर इन्सपेक्टर के द्वारा इन्क्वायरी के पश्चात भी कोई कार्यवाही नही की जाती है और आवेदन रिजेक्ट हो जाते है। श्रमिको की टूलकिट योजना जो कि श्रमिक के पंजीकृत होने के 3 वर्ष बाद 2 हजार से बढ़ाकर पांच हजार रूपये किये जाये।

श्रमिकों की पुत्रियों को उद्यमी बनाने हेतु शुभशक्ति योजना को बन्द कर दिया गया है जिसे पुनः चालू किया जाये या फिर श्रमिकों की पुत्रियों के लिये कोई अन्य योजना का क्रियान्वित किया जाये। श्रमिको के आवेदनों के भौतिक सत्यापन नगर निगम और ग्राम पंचायतों द्वारा किये जा रहे है जिससे काफी विलम्ब होता है एवं श्रमिकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भौतिक सत्यापन श्रम विभाग द्वारा ही कराया जाये।

खदान श्रमिकों को होने वाली सिलिकोसिस बीमारी का पूर्ण इलाज कराया जाये तथा खदान क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन किया जाये। भवन निर्माण श्रमिकों को मिलने वाली योजनाओं में खदान श्रमिकों को शामिल किया जायें, निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना इस योजना में श्रमिक का ऑन लाईन आवेदन स्वीकृत होने पर भी श्रमिक को पूरी राशि का भुगतान करना पड़ता है। जबकि बैंक द्वारा श्रमिक के खाते से काटी जाने वाली राशि का आधा भुगतान श्रम विभाग द्वारा किया जाना चाहिये। श्रमिकों के लिए चोराहों पर टिन शेड व पीने के पानी की व्यवस्था की जाये।

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