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आयुष दाखिला घोटाला, फर्जी अकाउंटेंट खाता खोलकर हुआ था खेल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों में हुए फर्जी दाखिलों की जांच कर रही एसटीएफ जल्द ही अदालत में अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी में है। एसटीएफ इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। अब मिर्जापुर के संतुष्टि मेडिकल कॉलेज की संचालक डॉ. रितु गर्ग की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ जुटाए गये साक्ष्यों एवं बयानों के आधार पर अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक संतुष्टि मेडिकल कॉलेज में सर्वाधिक 76 दाखिले हुए थे। दाखिला लेने वाले छात्रों की काउंसिलिंग से पहले ही फर्जी बैंक खाता खोलकर उसमें एडवांस जमा कराया गया था। यह खाता उन्होंने अपने अकाउंटेंट नीरज कुमार जायसवाल के नाम से खोला था, जबकि इसका संचालन डॉ. रितु गर्ग का बेटा करता था। जब एसटीएफ ने फर्जी दाखिला लेने वाले छात्रों को तलब कर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने कॉलेज संचालकों की करतूतों का कच्चा-चिट्ठा खोल दिया। एसटीएफ ने छात्रों के बयान भी दर्ज किए हैं, जिसे अदालत में पेश किया जाएगा। मालूम रहे कि डॉ. रितु गर्ग को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
कई संचालकों की भूमिका की जांच जारी
एसटीएफ के अधिकारी अब उन कॉलेज संचालकों की भूमिका की जांच भी कर रहे हैं, जहां पर 20 से ज्यादा दाखिले हुए थे। इसके बाद 10 या उससे कम दाखिले करने वाले कॉलेज संचालकों को तलब किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण में वाराणसी के एक कॉलेज के दो संचालक फरार चल रहे हैं, जिनकी एसटीएफ को तलाश है। एसटीएफ ने अब तक करीब 500 ऐसे छात्र-छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं, जिनका फर्जी तरीके से दाखिला हुआ था।