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मुहूर्त के फेर में बिझड़ी में आयुर्वेदिक अस्पताल

16 Dec 2023 6:42 AM GMT
मुहूर्त के फेर में बिझड़ी में आयुर्वेदिक अस्पताल
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बड़सर। विकास खंड बिझड़ी में आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन के संचालन के लिए मुहूर्त नहीं जुड़ पा रहा है। चार करोड़ की लागत से तैयार भवन सफेद हाथी बनकर जनता का मुंह चिढ़ा रहा है। बेशक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन बिझड़ी में नया भवन …

बड़सर। विकास खंड बिझड़ी में आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन के संचालन के लिए मुहूर्त नहीं जुड़ पा रहा है। चार करोड़ की लागत से तैयार भवन सफेद हाथी बनकर जनता का मुंह चिढ़ा रहा है। बेशक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन बिझड़ी में नया भवन बन जाने के उपरांत भी इसका प्रयोग न होना प्रबंधों पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। आखिरकार क्यों इस भवन में आयुर्वेदिक अस्पताल को चलाकर जनता को सुविधाएं प्रदान नहीं की जा रहीं। सात महीनों से तैयार भवन अब किसका इंतजार कर रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह भवन सियासत के जाल में फंसकर उलझ गया है। उद्घाटन के इंतजार में महीनों का समय बीत चुका है। अब तो लोग खुले तौर पर इसे राजनीति रंग दे रहे हैं। वर्तमान में ये अस्पताल एक किराए के भवन में अपनी सेवाएं दे रहा है, लेकिन हैरानी की बात है कि एक बड़े इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाला अस्पताल खुद बीमार प्रतीत हो रहा है।

अस्पताल में सफाई व्यवस्था के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को डेपुटेशन पर लगाया जा रहा है, जिससे सफाई व्यवस्था प्रभावित होती रहती है। नया भवन पिछले कई महीनों से करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद तैयार हो चुका है, लेकिन सारा मामला सीएम द्वारा किए जाने वाले उद्घाटन को लेकर फंसा हुआ है। बहुमंजिला इस भवन में दस बिस्तर की सुविधा लोगों को मिलने वाली है, जो कि लोगों की सेवा में चौबीसों घंटे खुला रहेगा। आयुर्वेदिक विभाग द्वारा यहां लोगों को पंचकर्मा की सुविधा भी प्रदान की जानी है, लेकिन स्थानीय लोगों में वर्तमान में चल रहे अस्पताल की व्यवस्था को लेकर काफी रोष पाया जा रहा है। अस्पताल स्टाफ से इस बारे पता करने पर पाया गया कि यहां न तो स्वीपर है और न ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी। हद तो ये है कि डेपुटेशन पर लगाए गए कर्मचारी को भी वापस बुला लिया जाता है। लोगों का कहना है कि सरकार व विभाग को सोचना चाहिए कि कोरोना काल में एक अस्पताल को कैसे बिना सफाई कर्मचारी के चलाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक नई बनी बड़ी अस्पताल बिल्डिंग में सफाई व्यवस्था संभालने के लिए कम से कम चार कर्मचारियों की जरूरत है, जबकि वर्तमान में एक भी उपलब्ध नहीं है।

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