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Ayodhya: राम मंदिर न‍िर्माण के लिए मिर्जापुर से पहुंची पत्‍थरों की पहली खेप, ट्रक चालक का ऐसे किया स्‍वागत

Kunti Dhruw
7 July 2021 6:35 PM GMT
Ayodhya: राम मंदिर न‍िर्माण के लिए मिर्जापुर से पहुंची पत्‍थरों की पहली खेप, ट्रक चालक का ऐसे किया स्‍वागत
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अयोध्या,श्रीरामजन्मभूमि मंदिर की नींव के ऊपरी हिस्से (प्रतिष्ठान) के निर्माण में मिर्जापुर के पत्थर लगेंगे।

अयोध्या,श्रीरामजन्मभूमि मंदिर की नींव के ऊपरी हिस्से (प्रतिष्ठान) के निर्माण में मिर्जापुर के पत्थर लगेंगे। इस पत्थर की पहली खेप बुधवार को रामनगरी पहुंच गई। इसमें 16 घन फीट माप के 30 पत्थर के टुकड़े हैं। प्रत्येक पत्थर चार फीट लंबा, दो-दो फीट ऊंचा व चौड़ा है। कुल 19 हजार पत्थर के पीस आने हैं। इन पत्थरों को मिर्जापुर से ट्रक से लाया गया। अपराह्न साढ़े तीन बजे श्रीराम अस्पताल के समीप स्थित श्री रामजन्म भूमि के द्वार पर पत्थर से भरा ट्रक पहुंचा तो संतों ने इसका स्वागत किया।

हनुमानगढ़ी के संत व नगर निगम के पार्षद रमेशदास, विहिप के मीडिया शरद शर्मा व सर्वेश्वर दास ने ट्रक पर लोड पत्थर को माला पहनाई। इसके बाद ट्रक परिसर में दाखिल हुआ। इस मौके पर रमेशदास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय की अगुवाई में राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। कहा कि ट्रस्ट के ऊपर आरोप लगाने वाले मानसिक रूप से दिवालिया हैं। जो लोग मंदिर का निर्माण पहले रोक रहे थे, वही आज बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। वे नाकाम व समय-समय पर बेनकाब जरूर होंगे। कहा कि जब मंदिर बन कर तैयार हो जाएगा तो इसकी भव्यता व दिव्यता दुनिया देखेगी। इन पत्थरों की तराशी का कार्य मिर्जापुर के बलुआ पत्थर की कार्यशाला में चल रहा है। यह कार्य लार्सन एंड टुब्रो व करन ट्रेडर्स की देखरेख में हो रहा है। इन पत्थरों को नींव फिलि‍ंग पूरी होने के बाद ऊपरी हिस्से में लगाया जाएगा।
एक लाख 20 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में चल रही फिलि‍ंग : रामजन्मभूमि परिसर में नींव की ढलाई एक लाख 20 हजार वर्गफीट के क्षेत्रफल में चल रही है। इस क्षेत्र को पहले 12 मीटर खोदा गया था, अब संपूर्ण क्षेत्र की फिलि‍ंग का कार्य चल रहा है। कुल 42 लेयर की ढलाई होनी है, जिसमें 15 लेयर ढाली जा चुकी हैं। एक लेयर दस इंच मोटी है। परिसर में दिन रात तीन शिफ्ट में कार्य चल रहा है। तीन बैचि‍ंग प्लांट लगाए गए हैं। इसी में गिट्टी, पत्थर का पाउडर, पत्थर के कोयले की राख, सीमेंट का मिश्रण तैयार कर इसकी ढलाई की जाती है।
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