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अयोध्या भूमि खरीद प्रकरण: जानें आईएएस अफसर अपनी सफाई में क्या बोले!
jantaserishta.com
24 Dec 2021 11:39 AM GMT
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डीएम अनुज कुमार झा ने इस मामले पर अपना पक्ष रखा है.
अयोध्या: अयोध्या जमीन खरीद मामले में चर्चा में आए अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा ने इस मामले पर अपना पक्ष रखा है. झा ने कहा है कि महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से उन्होंने या फिर उनके पिताजी ने कोई जमीन नहीं खरीदी. न ही जमीन खरीदने वाले किसी भी व्यक्ति से उनका कोई रिश्ता है. अनुज झा ने कहा कि उनके पिताजी ने घर बनाने के लिए अयोध्या में एक स्थान पर 320 मीटर जमीन जरूर खरीदी है लेकिन उसके विक्रेता का महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है. न ही खरीदी गई जमीन का किसी अनुसूचित जाति के किसी व्यक्ति से कोई संबंध है. जमीन की खरीदारी में सभी नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया है.
उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी ने 320 मीटर भूमि किसी ट्रस्ट या किसी व्यक्ति को भी नहीं बेची है, न ही यह जमीन किसी सरकारी काम के लिए ली गई है. इसलिए इस भूमि से कोई अवैध लाभ लेने का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने बताया कि 1996 में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के नाम पर एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन के अवैध हस्तांतरण की शिकायत उन्हें मिली थी. शिकायत मिलने के बाद समय से जांच पड़ताल कर भूमि से महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट का नाम खारिज कर दिया गया था. इस संबंध में कोर्ट में पीटिशन दायर की गई थी. जिला प्रशासन ने यह सभी जरूरी कदम ट्रस्ट को बिना फायदा पहुंचाए उठाए थे.
बता दें कि दलित महादेव की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर 30 अक्टूबर 2019 को कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने जांच के आदेश दिए थे. 1 फरवरी 2020 को जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी थी. 1 अक्टूबर 2020 को डीएम अयोध्या अनुज कुमार झा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर महर्षि रामायण विद्या पीठ ट्रस्ट के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे.
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