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भेड़ पालन के लिए चलाया जा रहा जागरूकता कार्यक्रम, आवंटित किए गये 800 मिनी भेड़ फार्म

Shiddhant Shriwas
5 Oct 2021 9:52 AM GMT
भेड़ पालन के लिए चलाया जा रहा जागरूकता कार्यक्रम, आवंटित किए गये 800 मिनी भेड़ फार्म
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आदिवासी क्षेत्रों में अधिक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए भेड़पालन विभाग द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू कश्मीर में भेड़पालन के जरिये युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. यहां पर भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए मिनी भेड़ फार्म आवंटित किये जा रहे हैं. इसी के तहत आदिवासी युवाओं में भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने उन्हें 800 मिनी भेड़ फार्म आवंटित किए हैं. ताकि युवाओं के पास रोजगार हो सके और वो बेहतर कमाई कर सकें. इसे लेकर संबंधित अधिकारियों ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में 10,000 युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के जनजातीय मामलों के विभाग की "महत्वाकांक्षी" परियोजना थी.

इस साल चुने गये हैं 1500 युवा
बता दें कि कश्मीर में हर साल मांस के लिए 20 लाख से ज्यादा भेड़ों का वध किया जाता है और इनमें से 60 फीसदी से अधिक भेड़ देश के विभिन्न राज्यों से खरीदी जाती हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक जनजातीय मामलों के विभाग के सचिव शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि भेड़ पालन योजना के पहले चरण में, 1,500 युवाओं को इस साल 1,500 मिनी भेड़ फार्म स्थापित करने के लिए चुना गया है. उन युवाओं को इस योजना का ला दिया जाएगा. इस योजना के तहत लाभुकों की संख्या को हर साल 30% तक बढ़ाया जाएगा. इस योजना का लक्ष्य अगले 4 वर्षों में 10,000 से अधिक ऐसी भेड़ पालन इकाइयां स्थापित करना है.
भेड़पालन के लिए चलाया जा रहा जागरूकता कार्यक्रम
जनजातीय मामलों के विभाग के सचिव शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि भेड़पालन विभाग आदिवासी किसानों की सक्रिय भागीदारी से योजना को क्रियान्वित कर रहा है. आदिवासी क्षेत्रों में अधिक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए भेड़पालन विभाग द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है. फ्लैगशिप योजना के तहत विभिन्न जिलों में 6,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे इनमें से 13 जिलों में 835 मिनी भेड़ फार्म की स्थापना के लिए शुरू की गई है. पहाड़ों में रहने वाले गुर्जर समुदाय कश्मीर में आदिवासी कहलाते हैं.
सभी युवाओं को जोड़ने का प्रयास
उन्होंने कहा कि इस योजना को जम्मू और कश्मीर जनजातीय मामलों के विभाग द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित किया गया था. "योजना के तहत 5,225 आवेदक पात्र पाए गए और भेड़ फार्म की स्थापना के लिए 835 आदिवासी युवाओं का चयन करने के लिए सभी 13 जिलों में ड्रा निकाला गया. इसके अलावा, हर जिले ने योग्य आदिवासी युवाओं की एक छोटी प्रतीक्षा सूची भी बनायी गयी है. उन युवाओं को भी जल्द ही योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. जम्मू कश्मीर जैसे राज्य में यह योजना यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए काफी कारगर साबित होंगी.


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