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हिमस्खलन: पर्वत पर चढ़ाई करने गए नौ सेना के 4 जवानों के शव बरामद, 2 को ढूंढने का प्रयास जारी
jantaserishta.com
3 Oct 2021 9:02 AM GMT
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जोशीमठ: उत्तराखंड के चमोली में त्रिशूल पर्वत पर शुक्रवार को हुए हिमस्खलन की चपेट में आए 4 नेवी जवानों के शव मिल गए हैं. इन शवों को जोशीमठ आर्मी के हेलीपैड में पहुंचाया गया. यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ में शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा. वहीं, अभी भी दो जवान लापता है, उनकी तलाश में रेस्क्यू चलाया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि 15 सितंबर को पर्वतारोही दल त्रिशूल पर्वत के लिए रवाना हुआ था. इस दल में नेवी के 20 जवान शामिल थे. लेकिन शुक्रवार को हिमस्खलन के चलते नेवी के 5 जवान और 1 शेरपा लापता हो गए. इसके बाद ग्राउंड रेस्क्यू टीम के साथ-साथ हेलिकॉप्टर्स, सेना, एयरफोर्स, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) तलाशी अभियान में जुट गए.
7120 मीटर ऊंची है त्रिशूल चोटी
7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी चमोली जिले की सीमा पर स्थित कुमाऊ के बागेश्वर जनपद में स्थित हैं. इसी चोटी पर पर्वतारोहण के लिए ये दल जा रहा था. तभी हिमस्खलन हो गया और इसकी चपेट में 6 लोग आ गए. शनिवार को लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और एमसीपीओ हरिओम का शव बरामद किया गया है. सेना सूत्रों के मुताबिक, भारतीय नेवी के लेफ्टिनेंट जनरल और भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारी जोशीमठ पहुंच चुके हैं.
वहीं, लापता जवानों के रेस्क्यू के लिए जा रही गढ़वाल स्काउट की टीम के लिए भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर को घाट क्षेत्र के सुतोल गांव के खेतों में उतारा गया. यहां से इन्हें हेलिकॉप्टर्स के जरिए रेस्क्यू के लिए त्रिशूल बेस कैंप ले जाया गया.
जानकारी के मुताबिक, कुल 20 सदस्यों की टीम ने मुंबई से 3 सितंबर 2021 को अभियान की शुरुआत की थी. सुबह 10 जवान अभियान के आखिरी चरण के लिए आगे बढ़े. लेकिन रास्ते में हिमस्खलन के शिकार हो गए.
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