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ऑस्टिन-राजनाथ के बीच रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाई देने पर बनी सहमति... अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के साथ बढ़ेगी साझेदारी

Kunti Dhruw
20 March 2021 6:37 PM GMT
ऑस्टिन-राजनाथ के बीच रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाई देने पर बनी सहमति... अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के साथ बढ़ेगी साझेदारी
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रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच जिस तरह सहयोग बढ़ा है, वैसा मौजूदा दौर में किसी भी दो देश के बीच देखने को नहीं मिल रहा। भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच शनिवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता में रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाई देने पर सहमति बनी। यह सहमति भी बनी है कि अमेरिका के एशिया-पैसिफिक व अफ्रीकी कमांड के साथ ही सेंट्रल कमांड के साथ भी भारतीय सेना के सहयोग को मजबूत किया जाएगा। अमेरिकी सेना का सेंट्रल कमांड समूचे खाड़ी क्षेत्र के साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान व मध्य एशियाई देशों की निगरानी करता है।

भारत और अमेरिका के सैन्य सहयोग से पाकिस्तान परेशान हो सकता है
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका व भारत के बीच करीबी सैन्य सहयोग स्थापित हो चुके हैं और अब सेंट्रल कमांड के साथ साझेदारी से भारतीय सेना की गतिविधियां अमेरिकी सेना के साथ समूचे खाड़ी क्षेत्र में बढ़ सकती हैं। भारत और अमेरिका के सैन्य सहयोग को लेकर पहले से सशंकित पाकिस्तान इस सहयोग को लेकर और ज्यादा परेशान हो सकता है। इस सहयोग का यह भी मतलब है कि भारतीय सेना के पास पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत सेंट्रल कमांड के तहत आने वाले सभी 20 देशों के बारे में ज्यादा सूचनाएं आ सकेंगी।
भारत-अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को लेकर प्रतिबद्ध: राजनाथ
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम भारत-अमेरिका के बीच स्थापित वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता के उपयोग के लिए काम करना चाहते हैं। हमने द्विपक्षीय व बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास के बारे में बात की। हम अमेरिका के इंडो पैसिफिक कमांड, सेंट्रल कमांड और अफ्रीका कमांड के साथ सहयोग बढ़ाने को सहमत हुए हैं। हम इस बात पर सहमत हैं कि दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग व साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं। हम दोनों हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला और सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। भारत और अमेरिकी साझेदारी को 21वीं सदी की सबसे मजबूत साझेदारी बनाने के लिए आगे भी हम काम करते रहेंगे।'
ऑस्टिन ने कहा- हम भारत के साथ रक्षा साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं
ऑस्टिन ने अपनी बात हाल ही में एक दुर्घटना में जान गंवाने वाले भारतीय वायुसेना के पायलट की मौत पर दुख जताते हुए शुरू की। राजनाथ सिंह के साथ हुई बातचीत को अर्थपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, 'मैं बाइडन-हैरिस प्रशासन की तरफ से अपने सभी साझेदारों के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूं। तेजी से बदलते अंतराष्ट्रीय परिवेश में भारत खास तौर पर एक महत्वपूर्ण साझेदार है। हम भारत के साथ विस्तृत और भविष्य की दृष्टि से तैयार रक्षा साझेदारी के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
भारत-अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक ही दृष्टिकोण रखते हैं
अभी वैश्विक महामारी की वजह से और स्थापित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को लेकर उपजी चुनौतियों के बीच भारत और अमेरिका मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम कर रहे हैं। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक ही दृष्टिकोण रखते हैं। इस साझेदारी का दुनिया में कानून सम्मत व्यवस्था स्थापित करने में काफी महत्व है। हमने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी से जुड़ी तमाम संभावनाओं पर बात की है। हमने क्वाड के तहत अन्य समान विचारधारा वाले देशों को शामिल करने की संभावना पर भी बात की है।'


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