शिवरात्रि पर बन रहे हैं शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त के बारे में
सावन स्पेशल न्यूज़: गत 14 जुलाई से शिवजी के प्रिय माह सावन (Sawan) की शुरुआत हो चुकी है और देशभर में कांवड़िए भी पवित्र नदियों का जल लेकर अपने गंतव्य के लिए निकल पड़े हैं। हिंदू धर्म में सावन के महीने को भगवान शिव को सबसे पसंदीदा माह माना जाता है।
यह जानकारी देते हुए छपारिया हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पं. रामकिशन गोवर्धन.मथुरा वाले ने कहा कि धर्म शास्त्रों में सावन माह में शिवलिंग के जलाभिषेक का विशेष महत्व माना गया है। वहीं यदि आप श्रावण शिवरात्रि (Sawan Shivratri) पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं, तो इसका विशेष लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि हिंदू पंचांग में हर साल में 12 शिवरात्रि होती हैं, लेकिन फाल्गुन मास और श्रावण मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस साल श्रावण मास की शिवरात्रि 26 जुलाई मंगलवार को है। इस बार भगवान शंकर के साथ माता.पार्वती की कृपा पाने का योग भी निर्मित हो रहा है। इस दिन विधि.विधान से शिवजी की पूजा की जाती है। उनका कहना था कि मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा.अर्चना करने वाले भक्तों पर महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा इस दिन रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। रुद्राभिषेक जल, दूध, दही,शहद, घी, गंगाजल आदि सहित कई चीजों से किया जाता है और सबके अलग.अलग महत्व भी होते हैं।
पं. रामकिशन गोवर्धन.मथुरा वाले ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार अबकी बार श्रावण शिवरात्रि पर व्याघात और हर्षण योग बन रहे हैं। पंचांग में व्याघात योग 25 जुलाई को शाम 03 बजकर 03 मिनट से 26 जुलाई शाम 04 बजकर 07 मिनट तक निर्धारित किया गया है। वहीं हर्षण योग 26 जुलाई को 04 बजकर 07 मिनट पर प्रारंभ होगा और शाम 05 बजकर 06 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। उनका कहना था कि हिन्दू पंचांग के अनुसार अबकी बार श्रावण मास में मासिक शिवरात्रि 26 जुलाई मंगलवार को पड़ रही है। खास बात यह है कि इस दिन मंगला गौरी व्रत और मासिक शिवरात्रि का अद्भुत संयोग बन रहा है। इसलिए इस दिन व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ और माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और व्यक्ति पर कृपा बनी रहेगी।
मंगलवार को रखें मंगला गौरी व्रत: पं. रामकिशन के अनुसार श्रावण मास में मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है। श्रावण शिवरात्रि 26 जुलाई मंगलवार को पड़ रही है, जिससे श्रावण शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर के साथ माता गौरी का भी आशीर्वाद प्राप्त होने का संयोग बन रहा है।
शिवरात्रि पर्व का शुभ मुहूर्त: पंडित रामकिशन ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि 26 जुलाई मंगलवार शाम 06 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होकर 27 जुलाई बुधवार रात 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। उनका कहना था कि पूजा अभिषेक मुहूर्त 26 जुलाई शाम 07 बजकर 24 मिनट बजे से रात्रि 09 बजकर 28 तक रहेगा। तत्पश्चात व्रत पारण समय 27 जुलाई बुधवार सुबह 05 बजकर 39 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। उन्होंने बताया कि निशिता काल पूजा का समय 27 जुलाई को सुबह 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक मात्र 42 मिनट का रहेगा। मुख्य तौर पर उनका कहना था कि अबकी बार श्रावण मास शिवरात्रि का व्रत 26 जुलाई को रखा जाएगा, जिसका पारण 27 जुलाई को होगा।
शिव को जल अर्पित करने पर धर्मलाभ: पंडित रामकिशन का कहना था धार्मिक मान्यता है कि श्रावण के महीने में शिवरात्रि पर शिवजी को जल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। वहीं श्रावण शिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करने पर अक्षय पुण्य मिलता है। उन्होंने बताया कि कहा जाता है कि श्रावण शिवरात्रि पर रुद्राष्टाध्यायी के मंत्र सहित दूध से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने पर जातक को संतान सुख प्राप्त होता है। ज्योतिष के अनुसार दही से रुद्राभिषेक करने पर सर्व कार्य सिद्धि का वरदान मिलता है। शहद से शिवजी का रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना गया है। ऐसा करने से व्यक्ति का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।