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औरंगाबाद: नक्सलियों ने मोबाइल टावर और पंचायत सरकार भवन को बम बिस्फोट से उड़ा

Rani Sahu
22 Nov 2021 5:57 PM GMT
औरंगाबाद: नक्सलियों ने मोबाइल टावर और पंचायत सरकार भवन को बम बिस्फोट से उड़ा
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भारत बंद आह्वान की पूर्व संध्या पर नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया है

भारत बंद आह्वान की पूर्व संध्या पर नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया है। औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही में सोमवार की रात नक्सलियों ने मोबाइल टावर और पंचायत सरकार भवन को बम बिस्फोट कर उड़ा दिया। इस टावर का इस्तेमाल आसपास के करीब एक दर्जन गांव के लोग करते थे। यहां जियो कंपनी का मोबाइल टावर लगा हुआ था, जिसे नक्सलियों ने उड़ा दिया। नक्सलियों ने कुछ लोगों को पकड़ भी लिया और जंगल की तरफ लेकर चले गए।

औरंगाबाद के एसपी कान्तेश कुमार मिश्र ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर को नक्सलियों द्वारा जलाया गया है। इसकी सूचना पर सुरक्षाबलों की टीम भेजी गई है। पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। कुछ लोगों का अपहरण करने के सवाल पर एसपी ने कहा कि फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दर्जनों नक्सली हथियार से लैस होकर जुड़ाही स्थित पंचायत सरकार भवन पर पहुंचे थे। यहां परिसर में ही मोबाइल टावर स्थित है। नक्सलियों ने उसे बम विस्फोट कर उड़ा दिया। इसके अलावा पंचायत सरकार भवन को भी नुकसान पहुंचा है। रात करीब 10.30 बजे तक सुरक्षाबलों की टीम यहां नहीं पहुंच सकी थी। सीआरपीएफ सहित अन्य सुरक्षा बलों को घटनास्थल के लिए रात में ही रवाना किया गया।
बताया जाता है कि नक्सली नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में 23 नवंबर से 25 नवंबर तक तीन दिवसीय बंद का आह्वान किया गया है। इसको लेकर ही इस घटना को अंजाम दिया गया है। माओवादी नेता प्रशांत बोस, उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में बंद का आह्वान किया गया जिसमें तीन मांगे रखी गई हैं। दोनों को बिना शर्त रिहा करने, गढ़ चिरौली में 26 नक्सलियों के मारे जाने की घटना को नरसंहार करार देते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने और कृषि कानूनों को वापस लेते हुए मृतक 650 किसानों के परिजनों को क्षतिपूर्ति देने की मांग की गई है। इससे संबंधित बयान प्रवक्ता मानस के स्तर से जारी किया गया था।
मदनपुर के हसनबार मोड़ के समीप एक ओमनी कार को लगाया गया है। यहां कांटा भी लगाया गया है। पुलिस टीम को लेकर नक्सलियों ने यहां गाड़ी लगाई है। आशंका जताई गई कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए कार में बम लगाया गया है। इसी कारण सुरक्षा बल इस रास्ते से नहीं गए। फिलहाल इस पर भी नजर रखी गई है। पुलिस अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुटे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि जो ओमनी कार लगाई गई है, उसका इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर एंबुलेंस के रूप में किया जाता था। नक्सलियों के द्वारा इसे यहां लगाया गया है।


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