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सावधान! आपका बेकार पड़ा बैंक अकाउंट कहीं बन ना जाए फ्रॉड का जरिया, महिला मुश्किल में

jantaserishta.com
11 March 2024 7:07 AM GMT
सावधान! आपका बेकार पड़ा बैंक अकाउंट कहीं बन ना जाए फ्रॉड का जरिया, महिला मुश्किल में
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अब जालसाजी की जानकारी हो रही है।
गोरखपुर: यदि आपने किसी बैंक में खाता खोलकर यूं ही छोड़ दिया है तो सावधान हो जाइए। ये बेखबरी आपके लिए खतरनाक हो सकती है। गोरखपुर की एक महिला अपने खाते में 94 लाख जमा होने से अनजान थी। उधर, उसके खाते में जालसाजी का पैसा ट्रांसफर कर जालसाज निकाल रहे थे। महिला के खाते में उन्होंने करीब 94 लाख रुपये तक ट्रांसफर किए और 42 लाख रुपये निकाल लिया। बेंगलुरु में केस दर्ज कर पुलिस ने जब नोटिस भेज पूछताछ के लिए बुलाया तब महिला के होश उड़ गए। गुलरिहा क्षेत्र के भैरवां निवासिनी महिला गुंजा देवी ने इस मामले में पुलिस को तहरीर देकर पड़ोसी गांव की एक महिला के खिलाफ आरोप लगाया है। तहरीर में बताया है कि वह एक व्यक्ति को लेकर आई उसने समूह से एक लाख रुपये निकलवाने के लिए एक फार्म भरवा लिया। मगर उसे रुपये नहीं मिले अब जालसाजी की जानकारी हो रही है।
गुंजा देवी ने बताया कि एक सप्ताह तक इंतज़ार करने के बाद उस व्यक्ति ने बोला कि खाता खोलना पड़ेगा। आरोपित व्यक्ति आईसीआईसीआई बैंक के एक कर्मचारी को लेकर उसके घर गया। आरोप है कि कर्मी ने उसके नाम से एक सिमकार्ड लिया और अपने साथ लेकर चला गया। उक्त बैंक में खाता खोलने का फार्म लेकर आया उसके अंगूठे का निशान, फोटो आदि के साथ सभी कागजात लेकर चला गया।
दस दिन बाद व्यक्ति ने पोस्ट ऑफिस से कुछ कागजात लेकर अपडेट कराने की बात करते हुए लेकर चला गया। इसके बाद उसे कोई रुपये नहीं मिले तो वह भूल गई। इसके बाद उसके पास एक नोटिस आया जिसमें बताया गया कि उसके खाते में 94 लाख रुपये आया था। इसमें से 42 लाख निकाल लिया गया है। उस पर वह ध्यान नहीं दी।
इसके बाद एक दूसरा नोटिस आया कि जिसे गांव के लोगों को दिखाई तो पता चला कि उसके नाम से बेंगलुरू में मुकदमा होने की जानकारी हुई। इस सम्बन्ध में वह गुलरिहा पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है। प्रभारी निरीक्षक गुलरिहा ने बताया कि तहरीर मिली है। मगर मामला बेंगलुरू कर्नाटक का है। वहां की पुलिस मामले की जांच कर रही है। स्थानीय पुलिस जांच में पूरा सहयोग करेगी। जो भी जानकारी वहां की पुलिस मांगेगी उसे उपलब्ध कराया जाएगा। आरोपियों को सजा दिलाना प्राथमिकता में है।
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