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सावधान! आप भी अकसर लेते हैं चाय-कॉफी की चुस्कियां, क्यों खाने के पहले और बाद में नहीं पीना चाहिए?

jantaserishta.com
14 May 2024 12:46 PM GMT
सावधान! आप भी अकसर लेते हैं चाय-कॉफी की चुस्कियां, क्यों खाने के पहले और बाद में नहीं पीना चाहिए?
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सांकेतिक तस्वीर

दिशानिर्देशों जारी.
नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने हाल ही में भारतीयों के लिए 17 आहार (डाइट) संबंधी दिशानिर्देशों का एक सेट जारी किया है। इसमें स्वस्थ जीवन के साथ संतुलित और विविध प्रकार के आहार पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, चाय और कॉफी को लेकर बड़ी बात कही गई है। ICMR ने भारतीय संस्कृति में गहराई से रचे-बसे दो प्रिय पेय पदार्थों चाय और कॉफी के सेवन में संयम बरतने की सलाह दी है।
दरअसल ICMR ने हाल ही में राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) के साथ साझेदारी में 17 नए आहार दिशानिर्देश पेश किए हैं। इनका लक्ष्य पूरे भारत में स्वस्थ खाने की आदतों को प्रोत्साहित करना है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने संभावित स्वास्थ्य चिंताओं के कारण चाय और कॉफी के अत्यधिक सेवन के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि खाना खाने से पहले और तुरंत बाद में चाय और कॉफी नहीं पीनी चाहिए।
आईसीएमआर शोधकर्ताओं ने बताया, "चाय और कॉफी में कैफीन होता है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) को उत्तेजित करता है और शरीर में हलचल पैदा कर देता है।" हालांकि उन्होंने लोगों को चाय या कॉफी से पूरी तरह परहेज करने के लिए नहीं कहा, लेकिन उन्होंने इन पेय पदार्थों में कैफीन की मात्रा से सावधान रहने के लिए आगाह किया है।
एक कप (150 मिलीलीटर) ब्रूड कॉफी में 80-120 मिलीग्राम कैफीन होता है। वहीं इतनी ही मात्रा की इंस्टेंट कॉफी में 50-65 मिलीग्राम और चाय में 30-65 मिलीग्राम कैफीन होता है। आईसीएमआर प्रतिदिन केवल 300 मिलीग्राम कैफीन का सेवन करने की सलाह देता है। वैज्ञानिकों ने बताया, "चाय और कॉफी के सेवन में संयम बरतने की सलाह दी जाती है ताकि कैफीन का सेवन सहनीय सीमा (300 मिलीग्राम/दिन) से अधिक न हो।" उन्होंने लोगों से भोजन से कम से कम एक घंटा पहले और एक घंटे बाद में कॉफी और चाय पीने से बचने को कहा है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि इन पेय पदार्थों में टैनिन नामक कंपाउंड होता है। जब इसका सेवन किया जाता है, तो टैनिन शरीर में आयरन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसका मतलब यह है कि टैनिन आपके शरीर द्वारा भोजन से प्राप्त आयरन की मात्रा को कम कर सकता है। इसके अलावा, आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करने वाले आयरन की मात्रा कम हो जाती है। इससे आपके शरीर में आयरन की उपलब्धता कम हो जाती है। आयरन हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आवश्यक है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है। कुल मिलाकर आयरन का स्तर कम होने से आयरन की कमी और एनीमिया जैसी स्थितियां हो सकती हैं।
आईसीएमआर ने संशोधित आहार दिशानिर्देश जारी किए, ‘प्रोटीन सप्लीमेंट’ से बचने का आग्रह किया।
इससे पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने भारतीयों के लिए संशोधित आहार दिशानिर्देश जारी करते हुए शारीरिक गठन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘प्रोटीन सप्लीमेंट’ से बचने का आह्वान किया है। इसके साथ ही इसने नमक का सेवन सीमित करने, शर्करा तथा अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के सेवन में कमी लाने और खाद्य लेबल पर लिखी जानकारी पढ़ने को कहा है।
शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय के अंतर्गत कार्य करने वाले हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने बुधवार को भारतीयों के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को रोकने संबंधी संशोधित दिशानिर्देश जारी किए। संबंधित दिशा-निर्देशों का मसौदा आईसीएमआर-एनआईएन की निदेशक डॉ. हेमलता आर के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक समिति द्वारा तैयार किया गया है और यह कई वैज्ञानिक समीक्षाओं से गुजरा है। इसमें सत्रह दिशानिर्देश सूचीबद्ध किए गए हैं।
अनुमान से पता चलता है कि भारत में कुल बीमारियों का 56.4 प्रतिशत हिस्सा अस्वास्थ्यकर आहार के कारण है। स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि से कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) तथा उच्च रक्तचाप (एचटीएन) का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है और टाइप 2 मधुमेह को 80 प्रतिशत तक रोका जा सकता है।
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