सावधान! इस तरह जाल में फंसा बिजनेसमैन, नकली सोने से असली खेल
कानपुर: रियल स्टेट कारोबारी संतोष के मुताबिक समीर अग्रवाल की फर्जी फेसबुक आईडी से उनकी पहली बार 2018 में बात हुई थी। तब इसने संजय पटेल को अपना बॉस बता व्हाट्सएप पर बात कराई थी। उसने कहा था कि वह सोना बेचता है। जो कि मार्केट भाव से दस प्रतिशत कम पर देगा। संतोष के मुताबिक उनसे मिलने के लिए हंसमुख भाई पटेल को भेजा गया था। तब सौ ग्राम सोना खरीदा था जो कि सही निकला और दस प्रतिशत कम रेट पर मिला। 2 जून 2019 को इन लोगों ने अहमदाबाद बुलाया।
22 जून 2019 को संतोष अहमदाबाद पहुंचे जहां सिलज सर्किल में उनकी मुलाकात हंसमुख भाई पटेल से हुई। तब भी 100 ग्राम सोना लिया। वह भी सही निकला। फिर सितंबर 2020 में वह अहमदाबाद गए और तब पांच किलो सोना खरीदने की डील हुई। जिसके लिए संतोष ने आरोपितों को 1.57 करोड़ रुपये दिए। कुछ समय सोने के बिस्किट रखे रहे। फिर जब उन्हें बेचने निकले तो पता चला कि वह पीतल है। संतोष ने एफआईआर दर्ज कराने का बहुत प्रयास किया तब जाकर सात माह बाद 16 अप्रैल को हरबंशमोहाल थाने में एफआईआर दर्ज हो सकी।
क्राइम ब्रांच की टीम ने लगातार 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद इशहाक और अली को दबोच लिया। इसमें वहां की एटीएस और पुलिस ने उनका पूरा सहयोग किया। गुडवर्क करने वाली टीम को डीसीपी क्राइम ने 20 हजार के इनाम की घोषणा की है।
ये हुआ बरामद
एक स्कॉर्पियो, 6 मोबाइल फोन, 2 सोने के बिस्कुट मेड इन स्विटजरलैंड अंकित हैं (20 लाख कीमत बताई जा रही है), रुपये गिनने वाली मशीन, 6 एटीएम कार्ड, पैन कार्ड अन्य दस्तावेज।
डीसीपी क्राइम, सलमान ताज पाटिल ने कहा कि गिरोह के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है। बाकियों की तलाश हैै। जल्द ही बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
रियल स्टेट कारोबारी से 1.5 करोड़ रुपये की ठगी करने के वाले आरोपित इशहाक और अली समा मामन बेंगलुरु के एक पत्थर कारोबारी को 10 किलो के नकली सोने के बिस्किट बेचने वाले थे। पत्थर कारोबारी चार्टर्ड प्लेन से गुजरात भी पहुंच गया था। डील होने ही वाली थी कि कानपुर क्राइम ब्रांच, एटीएस और गुजरात पुलिस ने कारोबारी से संपर्क कर लिया। तब उसे घटना के बारे में पता चल सका। अब तक की जांच में पता चला है कि गिरोह ने सन 2018 से अब तक 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है। क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक अली ने संजय पटेल के नाम से फेसबुक आईडी बना रखी है।
उसके इंट्रोडक्शन में ही लिखा है कि हम सोने के बुलियन बार मार्केट के भाव से 10 प्रतिशत कम पर बेच रहे हैं। 999.0 प्योरिटी के बार हैं। 24 प्लस कैरट हैं। 100 ग्राम की है। इसमें उसने जानकारी दी है कि वह श्याम सुंदर सरस्वती विद्यालय इंटर कॉलेज फैजाबाद से पढ़ा हुआ है और अब अहमदाबाद में रहता है। संजय पटेल के फेसबुक पेज पर 3386 मित्र हैं। 4 अप्रैल 2019 को उसने सोने के बिस्कुट की फोटो भी डाली थी।
साइबर क्राइम के लिए मशहूर जामताड़ा की तरह कच्छ का मुस्लिम चौकड़ी गांव में ज्यादातर लोग नकली सोने को बेचकर धोखाधड़ी का धंधा करते हैं। क्राइम ब्रांच के मुताबिक इस गिरोह में 34 सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है। आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक पूरे देश में जहां जहां मुकदमे दर्ज हुए वहां पर सात साल से कम की धारा में थे। लिहाजा पुलिस पहुंचती थी और धारा 41 का नोटिस दे बिना गिरफ्तारी किए लौट जाती थी।
आरोपितों ने बताया कि गांव में ही कुछ लोग हैं जो पीतल पर सोने का पानी इस तरह से चढ़ाते हैं कि वह बिल्कुल असली सोना लगने लगे। इसके लिए वह कुछ केमिकल का इस्तेमाल करते हैं।
क्राइम ब्रांच को आरोपितों के पास से छह मोबाइल मिले हैं। इन्हीं में से एक फोन इशहाक का है। इशहाक के फोन पर पैटर्न लॉक लगा है। सूत्रों के मुताबिक उससे पैटर्न लॉक पूछा गया मगर उसने कहा कि साहब आप चाहे जान से ही क्यों न मार दो मैं लॉक पैटर्न नहीं बताऊंगा। क्राइम ब्रांच कोर्ट से आदेश लेने के बाद फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजेगी।
आरोपितों के पास से छह बैंक खातों की डीटेल मिली है। ट्रांजेक्शन की जानाकारी जुटाई जा रही है। आरोपी ठगी की रकम की परिजनों के नाम एफडी कराते थे। फिर ब्याज से खर्च चलाते थे।