भारत

Atmosphere of hate, economy in bad shape

Sonam
20 July 2023 11:15 AM GMT
Atmosphere of hate, economy in bad shape
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पीएम मोदी को दस साल तक देश पर शासन करने का मौका मिला और उन्होंने लगभग हर क्षेत्र को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। उन्होंने लोगों के बीच नफरत पैदा कर दी है, अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, महंगाई चरम पर है, सभी क्षेत्रों में बेरोजगारी है। अब भारत के लोगों के लिए उनसे छुटकारा पाने का समय आ गया है, इसलिए समान विचारधारा वाली सभी पार्टियां एक साथ आ रही हैं। दरअसल, दिल्ली अध्यादेश से पहले तक आप कांग्रेस पार्टी पर लगातार हमलावर थी। कुछ समय पहले तक तो अरविंद केजरीवाल ने ये तक कह दिया था कि कांग्रेस खत्म हो गई है और उसे वोट न दें। साथ ही केजरीवाल ने कांग्रेस को गाली के समान बता दिया था। लेकिन अब विपक्षी एकता के नए साथ कदमताल करते नजर आ रहे हैं। दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस के समर्थन के वादे के बाद केजरीवाल से उनकी दोस्ती पक्की हो गई है। इसी दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए दिल्ली के सीएम के एक बयान को कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल की तरफ से 18 जुलाई को ट्विटर से पोस्ट किया गया। इस बयान में महंगाई से लेकर दंगों तक कई दावे किए गए। अब ऐसे में जानते हैं कि कांग्रेस, केजरीवाल की नई दोस्ती में किए गए दावों की सच्चाई क्या है?

पिछले 50 वर्षों में सबसे शांतिपूर्ण दौर से गुजर रहा है INDIA

केजरीवाल के आरोपों की पहली लाइन है कि देश में नफरत का माहौल है। इसमें कितनी सच्चाई है। इसके लिए हमें छोड़ा तथ्यों और आंकड़ों पर नजर डालना जरूरी है। सरकारी संस्था राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हालिया विश्लेषण से पता चलता है कि देश में पिछले 50 वर्षों में सबसे कम दंगा दर देखी गई है। यह विश्लेषण एनसीआरबी डेटा में 1970 से 2021 तक दर्ज कुल दंगा मामलों पर आधारित है। यह ग्राफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तहत देश में दर्ज किए गए दंगा मामलों की संख्या में भारी गिरावट का संकेत देता है। भारत के प्रधान मंत्री के लिए आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से देश में दंगों में काफी कमी आई है, 2021 में दंगों के कुल मामले अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। “भारत में दंगों (हिंसा) में लगातार गिरावट आ रही है। प्रोफेसर शमिका द्वारा साझा किए गए ग्राफ से पता चलता है कि दंगों की शिकायतें और हिंसा 1980 के दशक के दौरान चरम पर थी, फिर 1990 के दशक के अंत में भारी गिरावट आई, जो भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पहला कार्यकाल था।

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