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"खाया भी, 'मित्रों' को खिलाया भी...बस...जाने राहुल गांधी ने क्यों कहा ऐसा?

jantaserishta.com
13 July 2021 4:47 AM GMT
खाया भी, मित्रों को खिलाया भी...बस...जाने राहुल गांधी ने क्यों कहा ऐसा?
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फाइल फोटो 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लगातार बढ़ रही महंगाई को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक खबर की कटिंग शेयर की, जिसके मुताबिक तेल के दाम बढ़ गए हैं और लोगों के लिए खाने-पीने के दामों में बढ़ोतरी हुई है. खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई जून में 5.15 प्रतिशत तक पहुंच गई.

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, "खाया भी, 'मित्रों' को खिलाया भी- बस जनता को खाने नहीं दे रहे". इससे पहले कांग्रेस पार्टी पिछले कुछ हफ्तों से लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा उठा रही थी. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा बढ़ती महंगाई को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं.
कांग्रेस लगातार कर रही प्रदर्शन
कई राज्यों में पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महंगाई को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. उनका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी अभी खत्‍म नहीं हुई और इस बीच आम लोगों के लिए एक और बड़ी समस्‍या आ खड़ी हुई है. बढ़ती महंगाई ने आम लोगों की जेब ढीली करनी शुरू कर दी है.
देश में लगातार बढ़ रही महंगाई
जून के महीने में भारत की खुदरा महंगाई दर घटकर 6.26 फीसदी रही. मई के मुकाबले इसमें थोड़ी राहत आई है. मई में खुदरा महंगाई दर 6.30 फीसदी रही थी. वहीं मई के महीने में भारत इंडस्ट्रियल आउटपुट यानी IIP में सालाना आधार पर 29.27 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. यह जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (MoSPI) की तरफ से शेयर की गई है.
लॉकडाउन का कीमतों पर असर
महंगाई की एक वजह कोरोना लॉकडाउन बताई जा रही है. लॉकडाउन के चलते लोगों को घरों में बंद रहना पड़ा जिससे उनकी जरूरतें बिल्कुल बदल गईं. घर में बंद रहने और हाउसहोल्ड ग्रोसरी आदि के खर्च बढ़ने से घर का बजट 5 परसेंट तक बढ़ गया. लॉकडाउन के दौरान लोगों की आय घटी जिसके चलते लोगों ने सस्ते सामान की मांग बढ़ा दी. लोगों की जरूरतों में बदलाव और सस्ते सामान की मांग को देखते हुए किराना दुकानदारों ने स्टॉक करना कम कर दिया. सामान स्टोर नहीं होने पुरानी दर पर बिक्री नहीं हुई और पीछे से सामान आ रहे हैं, वे अब महंगे हो चले हैं. बड़े स्टोर और दुकानदारों का कहना है कि पहले की तुलना में कस्मटर भी कम हो गए हैं जिससे मई और जून में बिक्री पर 10-15 परसेंट की गिरावट आई है.



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