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असिस्टेंट प्रोफेसर ने पेश की मिसाल, शादी में ठुकराया 11 लाख का दहेज

Nilmani Pal
26 Nov 2021 1:52 PM GMT
असिस्टेंट प्रोफेसर ने पेश की मिसाल, शादी में ठुकराया 11 लाख का दहेज
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करनाल। दहेज प्रथा समाज में अभिशाप है, लेकिन विवाह शादियों में दहेज (Dowry) का प्रचलन आज भी बदस्‍तूर जारी है. इसके चलते समाज बेटियों को बोझ समझने लगता है. इस बीच हरियाणा के करनाल (Karnal News) से एक अच्‍छी खबर सामने आयी है. दरअसल दूल्हे विक्रम सिंह ने अपनी शादी (Marriage) में 11 लाख रुपये का दहेज न लेकर मिसाल पेश की है. इसके साथ दूल्‍हे ने कहा कि इस प्रथा को समाप्त करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा, तभी समाज में सुधार लाया जा सकता है.

बता दें कि करनाल के सालवन गांव के तेजबीर ने अपनी बेटी का रिश्‍ता कैथल के रहने वाले विक्रम सिंह के साथ तय किया था. इस दौरान करीब 11 लाख रुपये के दहेज की बात हुई थी, लेकिन उन्‍होंने दहेज न लेकर युवा पीढ़ी को एक संदेश दिया है. वहीं, दुल्‍हन ने कहा कि विक्रम के दहेज न लेने की चर्चा पहले से थी, लेकिन उन्‍होंने शादी के समय इससे इनकार कर दिया, यह बात मेरे परिवार को बहुत अच्‍छी लगी है. विक्रम सिंह कैथल के राजकीय कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. उन्‍होंने बताया कि दहेज के कारण बहुत से घर बर्बाद हो रहे हैं. बेटियों को मारा जा रहा है. एक पिता अपनी हैसियत से ज्यादा अपनी बेटी को दहेज के रूप सामान या फिर रुपये देकर कर्जदार हो रहा है. ऐसे में एक परिवार को खुश करने के लिए दूसरे परिवार को दुखी होना पड़ता है. इसी सोच को बदलने के लिए उन्होंने किसी दूसरे से नहीं बल्कि अपने आप से शुरुआत की है.

इसके साथ दूल्‍हे विक्रम सिंह ने बताया कि दहेज प्रथा एक बहुत बड़ी बुराई है, जिसका आजकल चलन ज्यादा बढ़ गया है. इसको रोकना हम सब की जिम्मेदारी है. इस प्रथा को खत्म करने के लिए युवाओं को आगे आने की जरूरत है, तभी समाज में सुधार लाया जा सकता है. यही नहीं, विक्रम के दहेज न लेने की चर्चा करनाल समेत पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गई है. वहीं, इलाके के लोग दूल्‍हे के इस कदम की जमकर तारीफ कर रहे हैं.

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