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असम सरकार का फैसला, गुवाहाटी में डीजल से चलने वाली सिटी बसों को इलेक्ट्रिक और CNG से बदला जाएगा

Renuka Sahu
21 Aug 2021 5:23 AM GMT
असम सरकार का फैसला, गुवाहाटी में डीजल से चलने वाली सिटी बसों को इलेक्ट्रिक और CNG से बदला जाएगा
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फाइल फोटो 

असम सरकार ने गुवाहाटी को कार्बन-मुक्त शहर बनाने की मुहिम के तहत डीजल से चलने वाली सिटी बसों को इलेक्ट्रिक या CNG बेस्ड बसों से बदलने का फैसला किया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। असम सरकार ने गुवाहाटी को कार्बन-मुक्त शहर बनाने की मुहिम के तहत डीजल से चलने वाली सिटी बसों को इलेक्ट्रिक या CNG बेस्ड बसों से बदलने का फैसला किया है. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को ये जानकारी दी. साथ ही राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के चलते आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे बस ड्राइवरों और कंडक्टरों को राहत पैकेज देने का भी एलान किया है.

असम में अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में हिमंत बिस्वा सरमा ने ये बात कही. उन्होंने कहा, "हमने फैसला लिया है कि, गुवाहाटी सिटी ट्रांस्पोर्ट की डीजल बसों को अगले एक साल में इलेक्ट्रिक बसों से बदल दिया जाएगा. हमारी कैबिनेट ने इसके लिए 200 इलेक्ट्रिक बस और 100 CNG बसें खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. असम स्टेट ट्रांस्पोर्ट कॉर्परेशन (ASTC) को गुवाहाटी में डीजल या पेट्रोल बेस्ड बसों को चलाने की अनुमति नहीं होगी. इलेक्ट्रिक और CNG बसों का इस्तेमाल कर हम गुवाहाटी को प्रदूषण मुक्त बनाना चाहते हैं." साथ ही उन्होंने कहा, "जल्द ही ये पॉलिसी प्राइवेट बसों के लिए भी लागू हो जाएगी. असम को कार्बन-मुक्त शहर बनाने की मुहिम में ये हमारा एक बड़ा कदम है."

बस ड्राइवरों और कंडक्टरों को दिया जाएगा राहत पैकेज
हिमंत बिस्वा सरमा ने साथ ही बस ड्राइवरों और कंडक्टरों को राहत पैकेज देने का भी एलान किया है. उन्होंने कहा, "कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन के चलते तीन महीनों तक पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को बंद रखना पड़ा है. इसके कारण बस ड्राइवरों और कंडक्टरों को कई आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हमारी सरकार ने राहत पैकेज के तौर पर हर एक बस ड्राइवर और कंडक्टर को 10,000 रुपये देने का फैसला किया है. इसके अलावा हमारी सरकार राज्य के नामघर मंदिरों के प्रत्येक पूजारी को भी 15,000 रुपये राहत पैकेज के तौर पर देगी."
असम की हिस्ट्री और जियोग्राफी बनाए जाएंगे अनिवार्य सबजेक्ट
हिमंत बिस्वा सरमा ने साथ ही कहा है कि, "राज्य के सभी स्कूलों में 10वीं क्लास तक देश की हिस्ट्री और जियोग्राफी के साथ साथ असम की हिस्ट्री और जियोग्राफी को भी अनिवार्य सबजेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा." साथ ही उन्होंने बताया, "राज्य सरकार ने अरुणोदय स्कीम के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को 830 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये करने का फैसला किया है. इसका लाभ राज्य के 42 लाख लाभार्थियों को मिलेगा."


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